थरूर, गोगोई ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए सरकार की तारीफ की
ब्रजेन्द्र हक हक मनीषा
- 07 May 2025, 01:22 PM
- Updated: 01:22 PM
नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं शशि थरूर और गौरव गोगोई ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाते हुए किए गए मिसाइल हमलों के लिए बुधवार को सरकार की सराहना की और सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
थरूर ने यह भी कहा कि अनियंत्रित टकराव को रोकने की खातिर सभी संबंधित पक्षों के लिए समझदारी से काम लेने का समय आ गया है।
थरूर ने पिछले सप्ताह लिखे अपने एक लेख को साझा करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लक्ष्य बनाकर आतंकवाद और आतंकवादियों के विरुद्ध सोचा-समझा, सुनियोजित और सटीक हमला। ठीक वैसे ही जैसा मैंने पिछले हफ्ते कहा था। बुरी तरह मारो, समझदारी से मारो। मैं सरकार की सराहना करता हूं और अपने सशस्त्र बलों के साथ मजबूती से खड़ा हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही हमने इस तरह की कार्रवाई की है, जिसमें टकराव और बढ़ाने को उचित नहीं ठहराया जा सकता। हमने अपनी बात रखी है और आत्मरक्षा में कदम उठाया है।’’
थरूर ने कहा कि अनियंत्रित तनाव को रोकने की खातिर सभी संबंधित पक्षों के लिए यह समझदारी से काम लेने का समय है।
इससे पहले एक अन्य पोस्ट में थरूर ने लिखा, ‘‘आज अपने देश पर गर्व है। जय हिंद!’’
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैं मंगलवार रात के जवाबी हवाई हमलों को लेकर सशस्त्र बलों और सरकार द्वारा की गई पहल की सराहना करता हूं। यह समय राष्ट्रीय एकता और हमारे सशस्त्र बलों के साथ एकजुटता प्रकट करने है। जय हिंद!’’
भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के ठिकानों समेत आतंकियों के छिपने के नौ अड्डों को रात के वक्त निशाना बनाया।
भारतीय वायुसेना के सटीक अभियान में निशाना बनाए गए ठिकानों में बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां का सरजल, कोटली का मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप शामिल हैं। ये सभी ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं।
इस अभियान में लश्कर-ए-तैयबा के जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें मुरिदके का मरकज तैयबा, बरनाला का मरकज अहले-हदीस और मुजफ्फराबाद का शवावाई नाला कैंप शामिल हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ये सैन्य हमले किए गए। पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।
भाषा ब्रजेन्द्र हक हक