हरियाणा के मुख्यमंत्री ने शिक्षा सुधारों पर चर्चा के लिए कुलपतियों के साथ बैठक की
राजकुमार पवनेश
- 05 Mar 2025, 10:33 PM
- Updated: 10:33 PM
चंडीगढ़, पांच मार्च (भाषा) हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को यहां राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें शिक्षा क्षेत्र में किए जाने वाले सुधारों पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025-26 के आगामी बजट में शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी और यह सुनिश्चित किया जायेगा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए।
देश के किसी भी सरकारी महाविद्यालय में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले हरियाणा के पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जातियों (एससी) के विद्यार्थियों को पूर्ण छात्रवृत्ति देने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए सैनी ने कहा कि इस पहल के लिए यथाशीघ्र एक रूपरेखा विकसित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य के साथ एनईपी के सभी प्रावधानों को विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए कि हरियाणा वैश्विक शिक्षा केंद्र में तब्दील हो तथा राज्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और आधुनिक कौशल में विशेष प्रशिक्षण दिया जाए।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य बागवानी फसलों में निहित है। उन्होंने पारंपरिक खेती के बजाय फसल विविधीकरण को अपनाने के बारे में किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
सैनी ने कुलपतियों से न केवल शिक्षा पर बल्कि विद्यार्थियों के लिए शोध, नवाचार और कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करने की अपील की।
उन्होंने इन उद्देश्यों के लिए एक अलग कोष आवंटित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा, उन्होंने कुलपतियों को छात्रों को अपना खुद का स्टार्टअप स्थापित करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कुलपतियों से आगामी राज्य बजट के लिए सुझाव भी मांगे और आश्वासन दिया कि सर्वोत्तम सुझावों को शामिल किया जाएगा।
बैठक में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, खेल विश्वविद्यालय, दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, गुरु जाम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय तथा चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति उपस्थित थे।
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