विदेशों से भारतीय कैदियों का कम संख्या में स्थानांतरण होना चिंताजनक : संसदीय समिति
सुभाष सुरेश
- 01 Apr 2025, 08:36 PM
- Updated: 08:36 PM
नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) वर्ष 2023 से लेकर इस साल 13 फरवरी के बीच आठ भारतीय कैदियों को विदेशों से भारत में स्थानांतरित किया गया। यह जानकारी संसद की एक समिति द्वारा एक रिपोर्ट में साझा किए गए आंकड़ों से प्राप्त हुई है।
समिति ने कहा है कि भारतीय कैदियों को वापस लाने की ‘‘कम सफलता दर’’ इस सिलसिले में किये गए प्रयासों के मूल्यांकन की मांग करती है।
विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में, 86 देशों की जेलों में कुल 10,152 भारतीय कैदी बंद हैं, जिनमें विचाराधीन कैदी भी शामिल हैं।
‘‘एनआरआई, पीआईओ, ओसीआई और प्रवासी श्रमिकों सहित विदेशों में बसे भारतीय समुदाय : उनकी स्थिति एवं कल्याण के सभी पहलुओं सहित आव्रजन विधेयक की वस्तु स्थिति’’ पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश की गई।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसी अवधि के दौरान भारत से अपने मूल देशों में स्थानांतरित किए गए विदेशी कैदियों पर डेटा भी साझा किया है।
विदेश मंत्रालय ने समिति को सूचित किया है कि अब तक, सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर 31 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2023 में पांच भारतीय कैदियों को विदेशों से भारत स्थानांतरित किया गया, जिनमें से तीन को ईरान से और एक-एक को कंबोडिया और ब्रिटेन से लाया गया।
आंकड़ों के अनुसार, 2025 में ब्रिटेन से दो, जबकि रूस से (13 फरवरी 2025 तक) एक भारतीय कैदी को स्थानांतरित किया गया। इस प्रकार कुल आठ भारतीय कैदी स्थानांतरित किये गए हैं।
समिति ने इस बात को लेकर निराशा जताई कि पश्चिम एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका महादेशों के कई देशों के साथ संबद्ध विषय पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के बावजूद, पिछले तीन वर्षों में केवल आठ भारतीय कैदियों को विदेशों से भारत स्थानांतरित किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारतीय कैदियों को वापस लाने में सफलता की यह कम दर इस संबंध में किए गए प्रयासों के आकलन की मांग करती है।’’
विदेशी जेलों में बंद भारतीय कैदियों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए समिति ने कहा कि वह चाहती है कि सरकार समझौतों के कार्यान्वयन में आने वाली ‘‘बाधाओं का अध्ययन’’ करे और यदि आवश्यक हो तो ‘‘कैदियों की सुगम वापसी’’ के लिए मौजूदा समझौतों में संशोधन करे या नये समझौते करे।
समिति ने कैदियों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को कारगर बनाने और विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए अन्य देशों के साथ ‘‘कूटनीतिक प्रयासों को बढ़ाने’’ और बातचीत की आवश्यकता पर बल दिया।
रिपोर्ट में अमेरिका द्वारा हाल ही में भारतीय नागरिकों के निर्वासन का भी उल्लेख किया गया है।
भाषा सुभाष