हैदराबाद की 400 एकड़ भूमि की एआई तस्वीर मामले में आईएएस अधिकारी ने बयान दर्ज कराया
धीरज रंजन
- 19 Apr 2025, 07:45 PM
- Updated: 07:45 PM
हैदराबाद, 19 अप्रैल (भाषा) तेलंगाना में सेवारत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की वरिष्ठ अधिकारी स्मिता सभरवाल ने शनिवार को कहा कि उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) के बगल में कांचा गाचीबोवली में 400 एकड़ भूमि की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से तैयार तस्वीर को फिर से सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में गाचीबोवली पुलिस के समक्ष एक विस्तृत बयान दर्ज कराया है।
इस तस्वीर को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर 2,000 लोगों द्वारा पुनः साझा किया गया था। इसके मद्देनजर पुलिस ने सभरवाल को गवाह के रूप में नोटिस दिया था। आईएएस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या सभी के लिए एक ही कार्रवाई (नोटिस जारी करना) शुरू की गई है।
सभरवाल ने ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा,‘‘मैंने गाचीबोवली पुलिस अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग किया है और आज कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में बीएनएसएस अधिनियम के तहत अपना विस्तृत बयान दिया। इस पोस्ट को इस मंच पर 2000 व्यक्तियों द्वारा पुनः साझा किया गया। मैंने इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा कि क्या सभी के लिए समान कार्रवाई शुरू की गई है!’’
तेलंगाना सरकार के प्रधान सचिव (युवा मामले, पर्यटन और संस्कृति) सभरवाल ने कहा कि यदि ऐसी ही कार्रवाई नहीं की जाती है, तो इससे ‘चुनिंदा तरीके से निशाना’’ बनाने की चिंता पैदा होती है, जिससे कानून के समक्ष नैसर्गिक न्याय और समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन होता है।
साइबराबाद पुलिस ने उक्त भूखंड के संबंध में ‘भ्रामक’ सामग्री बनोन और सोशल मीडिया मंचों पर प्रसारित करने के मामले से जुड़ी जानकारी के वास्ते वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को नोटिस जारी किया था क्योंकि उन्होंने भी एआई की मदद से तैयार उक्त तस्वीर साझा की थी।
सभरवाल ने 31 मार्च को एक तस्वीर साझा की, जिसमें मिट्टी खोदने वाली मशीनें, दो हिरण और एक मोर दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर को मूल रूप से ‘एक्स’ नामक एक अन्य सोशल मीडिया हैंडल द्वारा साझा किया गया था।
तेलंगाना सरकार इस 400 एकड़ भूमि पर आईटी अवसंरचना व अन्य विकास की योजना क्रियान्वित करना चाहती है। हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ, पेड़ों की कटाई और वन्यजीवों के लिए कथित खतरे को लेकर इसका विरोध कर रहा है। इस मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में भी हो रही है।
भाषा धीरज