एसीबी/ईओडब्ल्यू ने छत्तीसगढ़ में सीजीएमएससी घोटाले में आरोपपत्र दाखिल किया
संजीव शोभना
- 26 Apr 2025, 11:21 PM
- Updated: 11:21 PM
रायपुर, 26 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो/आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (एसीबी/ईओडब्ल्यू) ने कथित तौर पर 550 करोड़ रुपए के ‘छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (सीजीएमएससीएल) घोटाले के आरोपी छह लोगों के खिलाफ शनिवार को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एसीबी/ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि आरोप है कि 2023 में चिकित्सा उपकरण और रसायनों की खरीद में अनियमितता के कारण राज्य के खजाने को 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि एसीबी/ईओडब्ल्यू ने 18 हजार पन्नों के आरोपपत्र में शशांक चोपड़ा और पांच सरकारी अधिकारियों बसंत कुमार कौशिक, छिरोद रौतिया, कमलकांत पाटनवार, डॉक्टर अनिल परसाई और दीपक कुमार बंधे का नाम दर्ज किया है। यह आरोप पत्र यहां एसीबी/ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि चोपड़ा मोक्षित कॉरपोरेशन के निदेशक हैं, जबकि पांच अन्य छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससीएल) में पदस्थ थे।
उन्होंने बताया, ‘‘जब यह कथित घोटाला हुआ तब कौशिक सीजीएमएससीएल के प्रभारी महाप्रबंधक उपकरण और उप प्रबंधक क्रय एवं संचालन के पद पर तैनात थे। रौतिया और बंधे तत्कालीन बायोमेडिकल इंजीनियर थे। पाटनवार तब उप प्रबंधक, उपकरण और परसाई उप निदेशक, स्टोर थे।’’
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में हरियाणा और छत्तीसगढ़ के रायपुर तथा दुर्ग जिलों में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी के बाद 29 जनवरी को चोपड़ा को पकड़ा गया था।
उन्होंने बताया कि पांचों अधिकारियों को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। वे न्यायिक हिरासत में हैं।
अधिकारियों ने बताया कि उन्हें भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।
इस वर्ष 22 जनवरी को एसीबी/ईओडब्ल्यू ने सीजीएमएससीएल (रायपुर) और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अधिकारियों के साथ-साथ चार फर्मों - मोक्षित कॉरपोरेशन (दुर्ग), सीबी कॉरपोरेशन (दुर्ग), रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम एचएसआईआईडीसी (पंचकुला, हरियाणा), श्री शारदा इंडस्ट्रीज (रायपुर) तथा अन्य के खिलाफ सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया था। प्राथमिकी में किसी का नाम नहीं था।
एसीबी/ईओडब्ल्यू ने बताया था कि स्वास्थ्य केंद्रों में वस्तुओं की आवश्यकता/उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना खरीदी की गई।
जांच एजेंसी के मुताबिक सीजीएमएससीएल ने मोक्षित कॉरपोरेशन और उसकी फर्जी कंपनी के साथ मिलीभगत करके जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर, 2023 के बीच अरबों रुपये की खरीदारी की है। रक्त के नमूने एकत्र करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ईडीटीए ट्यूब मोक्षित कॉरपोरेशन से 2,352 रुपये प्रति पीस की दर से खरीदी गई थी, जबकि अन्य संस्थानों ने यही सामग्री अधिकतम 8.50 रुपये की दर से खरीदी थी।
जांच एजेंसी ने बताया है कि सीबीसी मशीन जिसे निर्माता कंपनियां खुले बाजार में केवल पांच लाख रुपये में बेचते हैं, मोक्षित कॉरपोरेशन ने सीजीएमएससी को इसे 17 लाख रुपये में उपलब्ध कराया था।
भाषा संजीव