यदि अपरिहार्य हो तो ही पाकिस्तान के साथ युद्ध हो, हमने इसके लिए पूरी तरह मना नहीं किया: सिद्धरमैया
राजकुमार पारुल
- 27 Apr 2025, 08:32 PM
- Updated: 08:32 PM
(फाइल फोटो के साथ)
बेंगलुरु, 27 अप्रैल (भाषा) पहलगाम आतंकवादी हमले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री की टिप्पणी को पाकिस्तानी मीडिया में तूल दिए जाने और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा इसकी आलोचना किए जाने के बीच सिद्धरमैया ने रविवार को स्पष्ट किया कि उन्होंने युद्ध के लिए पूरी तरह से मना नहीं किया है, बल्कि उनका मतलब यह था कि युद्ध तभी होना चाहिए जब यह अपरिहार्य हो, क्योंकि यह समाधान नहीं है।
सिद्धरमैया ने पहलगाम हमले के संबंध में कहा था कि ‘‘युद्ध की कोई आवश्यकता नहीं’’ है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में पर्यटकों को सुरक्षा मुहैया कराना केंद्र सरकार का दायित्व था।
मुख्यमंत्री ने अपना यह रुख दोहराया कि इस संबंध में खामियां रहीं और इस घटना को रोकने में खुफिया एजेंसियां विफल रहीं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में कर्नाटक के दो लोग शामिल थे।
सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘युद्ध की जरूरत नहीं है, इसका मतलब है कि अगर अपरिहार्य हो तो ही युद्ध होना चाहिए...। युद्ध से कोई समाधान नहीं निकल सकता। मैंने युद्ध के लिए मना नहीं किया है।’’
जब मुख्यमंत्री से कहा गया कि पाकिस्तानी मीडिया उनके बयान को तूल दे रहा है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पाकिस्तान के साथ युद्ध के लिए मना नहीं किया। मैंने जो कहा, वह यह कि युद्ध कोई समाधान नहीं है। कश्मीर में बहुत से पर्यटक जाते हैं, इसलिए वहां सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए थी। सुरक्षा मुहैया कराना किसकी जिम्मेदारी है? यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। मैंने कहा कि यह विफलता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘(पहलगाम में) 26 लोग मारे गए, (पुलवामा में) 40 सैनिक मारे गए थे। इसलिए यह भारत सरकार के खुफिया तंत्र की विफलता है। मैंने कहा है कि भारत सरकार ने उचित सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। अगर युद्ध अपरिहार्य है तो होना चाहिए, ऐसा नहीं है कि ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। लेकिन तत्काल युद्ध की कोई जरूरत नहीं है। मैंने यही कहा है।’’
पाकिस्तानी मीडिया ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर सिद्धरमैया की ‘युद्ध की कोई जरूरत नहीं’ वाली टिप्पणी को तूल दिया है, ताकि यह प्रस्तुत किया जा सके कि भारत के अंदर भी युद्ध के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है।
सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा था कि पाकिस्तान के साथ ‘‘युद्ध की कोई जरूरत नहीं है’’, बल्कि केंद्र सरकार को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए।
उन्होंने कहा था, ‘‘युद्ध की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी किए जाने की जरूरत है। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। शांति होनी चाहिए, लोगों को सुरक्षा मिलनी चाहिए और केंद्र सरकार को सुरक्षा उपाय करने चाहिए...।’’
बाद में रविवार को बेंगलुरु ग्रामीण विकास जिले में विभिन्न विकास कार्यों की शुरुआत के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और यदि अपरिहार्य हो तो ही भारत को पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई शुरू करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैसूर में कल पत्रकारों द्वारा युद्ध की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर ‘‘मैंने कहा था कि अभी युद्ध की आवश्यकता नहीं है, लेकिन आतंकवाद को जड़ से खत्म करना होगा और लोगों को सुरक्षा देनी होगी। भारत बुद्ध की भूमि है। हम शांतिप्रिय लोग हैं और हम किसी के साथ अनावश्यक रूप से युद्ध नहीं करेंगे। लेकिन यदि यह अपरिहार्य है तो हमें पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध करना होगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यदि कोई भारत की एकता और अखंडता को नष्ट करने का प्रयास करता है, तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ’’
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘चाहे वह कोई भी हो, हम ऐसे लोगों के खिलाफ युद्ध करेंगे.... यदि हमें उकसाया गया, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।’’
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो कहा है, वह उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन भारत की रक्षा की जानी चाहिए और कांग्रेस पार्टी ने इस पर स्पष्ट रुख अपनाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस देश की शांति, एकता और अखंडता महत्वपूर्ण है। हर किसी का जीवन भी महत्वपूर्ण है। हम सभी भारतीय हैं। कांग्रेस ने इस मामले पर स्पष्ट रुख अपनाया है, हम सभी इसके लिए प्रतिबद्ध हैं और मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के नेतृत्व में हम इसके साथ खड़े हैं।’’
विपक्षी दल भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की आलोचना की।
विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने सिद्धरमैया पर एक दुश्मन देश की ‘कठपुतली’ की तरह काम करने का आरोप लगाया, वह भी ऐसे समय में जब देश बहुत संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा है और सीमा पर युद्ध का खतरा मंडरा रहा है।
मुख्यमंत्री के बयान की निंदा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने उनसे देश की जनता से माफी मांगने और अपना आचरण सुधारने का आग्रह किया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि लोग जानते हैं कि सिद्धरमैया अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, लेकिन जब मामला देश का हो, तो उनका यह कहना कि ‘युद्ध की कोई जरूरत नहीं है’ कतई सही नहीं है, इसलिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
भाषा राजकुमार