औद्योगिक उत्पादन मार्च में मासिक आधार पर तीन प्रतिशत बढ़ा
पाण्डेय रमण
- 28 Apr 2025, 05:47 PM
- Updated: 05:47 PM
नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) भारत की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि फरवरी में मासिक आधार पर मामूली रूप से बढ़कर मार्च 2025 में तीन प्रतिशत हो गई, जो इससे पहले फरवरी में 2.7 प्रतिशत थी। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
हालांकि, मार्च में वार्षिक आधार पर वृद्धि घटी है। मार्च 2024 में यह आंकड़ा 5.5 प्रतिशत था। सालाना आधार पर विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब रहा।
वित्त वर्ष 2024-25 में आईआईपी में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो चार साल का निचला स्तर है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 5.9 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 8.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि फरवरी 2025 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत थी, हालांकि अब इस आंकड़े को संशोधित कर 2.7 प्रतिशत कर दिया गया।
आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन मार्च 2024 में 5.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि मार्च 2025 में थोड़ी कम होकर तीन प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.9 प्रतिशत थी।
खनन उत्पादन में वृद्धि सालाना आधार पर 1.3 प्रतिशत से घटकर 0.4 प्रतिशत रह गई। बिजली उत्पादन भी मार्च 2025 में 6.3 प्रतिशत पर आ गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 8.6 प्रतिशत था।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ''सालाना आधार पर बिजली की वृद्धि में सुधार और विनिर्माण में मामूली वृद्धि से खनन में हुई गिरावट की काफी हद तक भरपाई हो गई।''
नायर के अनुसार, यह देखा जा रहा है कि अमेरिका को तेजी से निर्यात खेप भेजे जा रहे हैं। आने वाले समय में में इस बात पर गौर करने की जरूरत है कि इसका कारण क्या अन्य देशों को भेजे जाने वाले अमेरिका को भेजे जा रहे हैं या वास्तव में हमारा उत्पादन इस महीने बढ़ गया है।
पूंजीगत सामान खंड में वृद्धि मार्च 2025 में घटकर 2.4 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में सात प्रतिशत थी। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की वृद्धि 6.6 प्रतिशत रही, जो मार्च 2024 में 9.5 प्रतिशत थी।
आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2025 में उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में 4.7 प्रतिशत की कमी आई, जबकि एक साल पहले इसमें 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
सरकार अब आईआईपी का आंकड़ा हर महीने की 28 तारीख को जारी करेगी। यह पहली बार है जब आईआईपी का आंकड़ा 28 तारीख को जारी किया गया है।
इससे पहले, आईआईपी हर महीने की 12 तारीख को छह सप्ताह के अंतराल के बाद जारी किया जाता था। अब इसे चार सप्ताह के अंतराल के बाद जारी किया जाएगा।
भाषा पाण्डेय