मंगलुरु भीड़ हत्या: जांच में 'देरी' के लिए तीन पुलिसकर्मी निलंबित
नोमान
- 01 May 2025, 06:38 PM
- Updated: 06:38 PM
मंगलुरु (कर्नाटक), एक मई (भाषा) मंगलुरु के बाहरी इलाके में हाल में भीड़ द्वारा की गई हत्या के मामले की जांच में कथित देरी के सिलसिले में तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने भीड़ हत्या के इस मामले में कार्रवाई करते हुए मंगलुरु ग्रामीण थाने के निरीक्षक शिवकुमार, हेड कांस्टेबल चंद्रप पी और सिपाही एल्लालिंगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि घटना के दौरान ही निरीक्षक के पास फोन पर सूचना आई लेकिन उसने फोन करने वाले शख्स को इसकी सूचना 112 नंबर पर देने को कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया।
यह कार्रवाई मंगलुरु के बाहरी इलाके में कुडुपु गांव में भत्रा कल्लुरती मंदिर के पास एक शव मिलने के सिलसिले में की गई है। 27 अप्रैल को दोपहर करीब तीन बजे एक स्थानीय टूर्नामेंट के दौरान क्रिकेट मैदान में घूमते समय कथित तौर पर भड़काऊ नारे लगाने वाले एक व्यक्ति पर लोगों के एक समूह ने हमला किया था।
बाद में पीड़ित की पहचान केरल के वायनाड जिले के निवासी अशरफ के रूप में हुई।
प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़ित एक बोरा लेकर खेत पार कर रहा था, तभी उसने कथित तौर पर “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए।
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद, कथित तौर पर कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया। उसे डंडों से पीटा गया। अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा बीच-बचाव करने के प्रयासों के बावजूद, हमला तब तक जारी रहा जब तक कि उस व्यक्ति ने दम नहीं तोड़ दिया।
मंगलुरु ग्रामीण पुलिस ने शुरू में पूछताछ के लिए 25 लोगों को हिरासत में लिया था, जिनमें से 15 को गिरफ्तार कर लिया गया। आगे की जांच के आधार पर, गिरफ्तारियों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।
मामले से निपटने के तरीके को लेकर व्यापक आलोचना के बाद तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया, तथा कई संगठनों और स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने सरकार से गहन जांच शुरू करने का आग्रह किया।
इस बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता बी रामनाथ राय ने सरकार से कर्नाटक के तटीय भागों, विशेषकर दक्षिण कन्नड़ जिले और मंगलुरु शहर में भीड़ द्वारा हत्या की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की बृहस्पतिवार को मांग की।
उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि हाल में भीड़ द्वारा की गई हत्या की घटना सांप्रदायिक स्थिति का रूप ले सकती थी।
भाषा इन्दु