पाकिस्तान का इतिहास चरमपंथी समूहों से जुड़ा रहा है, उसकी वजह से हमें नुकसान उठाना पड़ा है: बिलावल
वैभव रंजन
- 02 May 2025, 08:20 PM
- Updated: 08:20 PM
लंदन/इस्लामाबाद, दो मई (भाषा) पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि पाकिस्तान का अतीत चरमपंथी समूहों से जुड़ा रहा है और इस वजह से उसे नुकसान उठाना पड़ा है।
बिलावल से बृहस्पतिवार को स्काई न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में पूछा गया था कि क्या वह रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की पिछले सप्ताह की गई विवादास्पद टिप्पणी से सहमत हैं जिसमें जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान आतंकवादियों को समर्थन, प्रशिक्षण और धन मुहैया करा रहा है तो आसिफ ने कहा था कि उनके देश ने दशकों तक पश्चिम के लिए ‘गंदा काम’ किया है।
क्या वह आसिफ के दावे से सहमत हैं, इस सवाल पर बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह कोई रहस्य की बात है कि जहां तक चरमपंथी समूहों का सवाल है, पाकिस्तान का एक अतीत है। और इसके परिणामस्वरूप, हमें नुकसान उठाना पड़ा है। पाकिस्तान को नुकसान उठाना पड़ा है। हम एक के बाद एक चरमपंथ की लहरों से गुजरे हैं।’’
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता की यह टिप्पणी 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है।
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम अपने समाज के इस्लामीकरण और सैन्यीकरण से गुजरे हैं। लेकिन हमने जो कुछ भी झेला, उसके परिणामस्वरूप हमने अपने सबक भी सीखे। हम इस समस्या को हल करने के लिए आंतरिक सुधारों से गुजरे हैं, न केवल हमारे लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को देखते हुए भी।’’
सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल पीपीपी के नेता ने कहा कि उनकी मां, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो एक आतंकवादी हमले में मारी गई थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक पाकिस्तान के इतिहास का सवाल है, यह इतिहास है। ... यह सच है कि यह हमारे इतिहास का एक दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस इतिहास में अकेले नहीं हैं।’’
बिलावल ने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने ‘पश्चिमी शक्तियों के साथ समन्वय और सहयोग करते हुए’ कैसे और क्या किया और कैसे पाकिस्तान ने ‘‘इन आतंकवादी समूहों से लड़ने के लिए अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम किया।’’
बिलावल को उनके उस बयान की भी याद दिलाई गई कि, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा के बाद ‘या तो पानी बहेगा या उनका खून बहेगा’।
इस पर उन्होंने कहा कि भारत ने एकतरफा और अवैध रूप से संधि से बाहर निकलने की घोषणा की है। लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से मेरी यह मंशा नहीं है ... और न ही मेरा बयान (इस मंशा से दिया गया)... निश्चित रूप से रक्तपात की वकालत नहीं कर रहा था।’’
बिलावल ने कहा, ‘‘लेकिन जैसा कि पाकिस्तान सरकार ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, कि इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। और जैसा कि आप अच्छी तरह से जानते हैं, जब युद्ध होता है, तो खून बहता है। हम युद्ध नहीं चाहते। हम शांति चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ समय से भारत के साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
भाषा वैभव