भारत के साथ शांति की बात करना पाकिस्तान में अपराध माना जाता है: हिमंत
अमित अविनाश
- 05 May 2025, 08:34 PM
- Updated: 08:34 PM
गुवाहाटी, पांच मई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को दावा किया कि पाकिस्तान में भारत के साथ शांति की बात करना ‘‘अपराध माना जाता है’’ जबकि भारत में वार्ता पर ‘‘मुख्यधारा के मंचों पर चर्चा की जाती है और यहां तक कि उसे प्रोत्साहित भी किया जाता है।’’
शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत में जो लोग जमीनी हकीकत को समझे बिना 'अमन की आशा' का प्रचार कर रहे हैं - उन्हें यह समझ लेना चाहिए: भारत के साथ शांति की बात करना पाकिस्तान में अपराध माना जाता है। भारत में पाकिस्तान के साथ शांति के बारे में बात करने को बर्दाश्त किया जाता है, यहां तक कि मुख्यधारा के मंचों पर इस पर बहस होती है, इसे प्रोत्साहित भी किया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की आजादी का आनंद लेते हुए पाकिस्तान के बारे में अच्छी बातें करना आदर्शवाद नहीं है - यह सर्वोत्तम स्थिति में उच्च कोटि की अज्ञानता, पाखंड और अपनी मातृभूमि के साथ विश्वासघात है।’’
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि पाकिस्तान किस प्रकार भारत समर्थक आवाजों को निगरानी, सेंसरशिप, कानूनी धमकी, गिरफ्तारी, यातना, जबरन गायब कर देने और सामाजिक बहिष्कार के माध्यम से नियंत्रित करता है।
शर्मा ने आरोप लगाया कि भारत समर्थक भावना वाले प्रत्येक पोस्ट, ट्वीट या लेख पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों, विशेष रूप से आईएसआई द्वारा नजर रखी जाती है तथा छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को नियमित रूप से निगरानी सूची में रखा जाता है।
शर्मा ने आरोप लगाया कि नागरिकों को खुफिया एजेंसियों द्वारा पकड़कर बिना किसी सुनवायी के जेल में डाल दिया जाता है - अक्सर किसी कविता, शांति अपील या संतुलित लेख के लिए, जिससे कोई नुकसान नहीं होता।
जबरन गायब किए जाने के संबंध में, उन्होंने आरोप लगाया कि सैकड़ों लोग- विशेष रूप से बलूच, पश्तून और सिंधी कार्यकर्ता "भारत के लिए समर्थन व्यक्त करने या पाकिस्तान के सैन्य विमर्श को चुनौती देने के लिए गायब हो चुके हैं।’’ उन्होंने कहा कि परिवार वर्षों तक इंतजार करते हैं, कोई जवाब नहीं मिलता और कोई न्याय नहीं मिलता।
भाषा अमित