‘ऑपरेशन सिंदूर’ : विश्व नेताओं ने भारत-पाकिस्तान से संयम बरतने का आह्वान किया
देवेंद्र अविनाश
- 07 May 2025, 07:53 PM
- Updated: 07:53 PM
वाशिंगटन/मॉस्को/लंदन, सात मई (भाषा) संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत विश्व के कई नेताओं ने बुधवार को भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने का आह्वान किया तथा उम्मीद जताई कि शत्रुता ‘‘बहुत जल्द’’ समाप्त हो जाएगी।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में मंगलवार देर रात भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर भी शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान से ‘‘अधिकतम सैन्य संयम’’ बरतने का आह्वान करते हुए कहा कि दुनिया दोनों देशों के सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती।
महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘महासचिव नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम बरतने का आह्वान किया है। दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शत्रुता ‘‘बहुत जल्द’’ समाप्त हो जाएगी।
ट्रंप ने कहा, ‘‘हमने इसके बारे में तब सुना जब हम ओवल (राष्ट्रपति के कार्यालय) के दरवाजे की ओर रुख कर रहे थे। मुझे लगता है कि लोगों को अतीत के आधार पर पता था कि कुछ होने वाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे (भारत और पाकिस्तान) लंबे समय से लड़ रहे हैं। अगर आप वास्तव में इसके बारे में सोचें, तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पास दोनों देशों के लिए कोई संदेश है तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मैं बस उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्द खत्म हो जाए।’’
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
रूस ने भी पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव बढ़ने पर गहरी चिंता व्यक्त की।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के हवाले से कहा, ‘‘हम पहलगाम शहर के पास हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य टकराव से बेहद चिंतित हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्र में स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं।’’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों को 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र के प्रावधानों के अनुसार द्विपक्षीय आधार पर शांतिपूर्ण, राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से सुलझाया जाएगा।’’
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने कहा कि ब्रिटेन भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ बातचीत करने और तनाव कम करने के लिए प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव ब्रिटेन में कई लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। हम दोनों देशों के साथ-साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ तत्काल संपर्क कर रहे हैं।’’
विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गंभीर चिंता का विषय है और उन्होंने दोनों देशों से ‘‘संयम बरतने और आगे बढ़ने के लिए एक त्वरित, कूटनीतिक रास्ता खोजने के लिए सीधी बातचीत करने’’ का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन के दोनों देशों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। मैंने भारत और पाकिस्तान में अपने समकक्षों को स्पष्ट कर दिया है कि अगर तनाव और बढ़ता है, तो कोई भी जीत नहीं पाएगा। पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करने को लेकर ब्रिटेन का रुख स्पष्ट था। हमें क्षेत्रीय स्थिरता को बहाल करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी पक्षों को तत्काल प्रयास करने की आवश्यकता है।’’
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा, ‘‘आतंकवादी ढांचे पर भारत का हमला उचित है। आतंकवादियों को किसी भी तरह की छूट नहीं दी जा सकती।’’
जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले और उस पर भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के बाद दोनों देशों की ओर से जिम्मेदारी से कार्रवाई किये जाने की तत्काल आवश्यकता है।
इसमें कहा गया है, ‘‘तनाव को बढ़ने से रोकना होगा और नागरिकों की सुरक्षा करनी होगी। हम भारत और पाकिस्तान दोनों के संपर्क में हैं।’’
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने कहा, ‘‘हम आतंकवाद के खतरे से स्वयं को बचाने की भारत की इच्छा को समझते हैं, लेकिन हम भारत और पाकिस्तान दोनों से आग्रह करते हैं कि वे तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए संयम बरतें और निश्चित रूप से नागरिकों की सुरक्षा करें।’’
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के एक बयान के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात ने भारत और पाकिस्तान से ‘‘संयम बरतने, तनाव कम करने और आगे इस तरह के तनाव को बढ़ने देने से बचने के लिए कहा, जो क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बन सकता है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘महामहिम ने सैन्य टकराव को रोकने, दक्षिण एशिया में स्थिरता को मजबूत करने और संवाद तथा आपसी समझ के जरिए क्षेत्रीय तनाव से बचने का आह्वान करने वालों की बात पर ध्यान देने के महत्व पर जोर दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महामहिम ने पुष्टि की कि कूटनीति और संवाद, संकटों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने और शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए राष्ट्रों की साझा आकांक्षाओं को प्राप्त करने का सबसे प्रभावी साधन बने हुए हैं।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘महामहिम ने जोर दिया कि संयुक्त अरब अमीरात क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान प्राप्त करने और उनके मानवीय परिणामों को कम करने के उद्देश्य से सभी पहल का समर्थन करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा।’’
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार ‘‘भारत और पाकिस्तान के हालात पर बारीकी से नजर रख रही है’’ तथा स्थिति को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करती है।
इसने दोनों देशों से ‘‘शांत रहने, संयम बरतने तथा ऐसे कोई भी कदम उठाने से बचने का आग्रह किया, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।’’
मंत्रालय ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय शांति, समृद्धि और स्थिरता की भावना में, बांग्लादेश को उम्मीद है कि कूटनीतिक प्रयासों के जरिये तनाव कम हो जाएगा, और अंततः क्षेत्र के लोगों की भलाई के लिए शांति कायम होगी।’’
चीन ने भारत और पाकिस्तान से क्षेत्र में ‘‘शांति व स्थिरता के व्यापक हित’’ को ध्यान में रखते हुए संयम बरतने का बुधवार को आह्वान किया।
चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘हम मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के पड़ोसी हैं और हमेशा रहेंगे। वे दोनों चीन के भी पड़ोसी हैं।’’
बीजिंग के रुख को स्पष्ट करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन ‘‘मौजूदा तनाव को कम करने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने के लिए तैयार है’’।
तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह पाकिस्तान और भारत के घटनाक्रम को लेकर चिंतित है और इस पर विचार कर रहा है।
कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव पर गहरी चिंता जताता है और दोनों देशों से ‘‘अधिकतम संयम बरतने, अच्छे पड़ोसी के सिद्धांतों का सम्मान करने और कूटनीतिक माध्यमों से संकट का समाधान करने’’ का आग्रह करता है।
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने कहा कि सरकार पिछले महीने कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।
शीर्ष सरकारी प्रवक्ता ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘हमें इस बात की बहुत चिंता है कि आगे की जवाबी कार्रवाई एक पूर्ण सैन्य संघर्ष में बदल जाएगी।’’
‘क्योदो न्यूज’ ने हयाशी के हवाले से कहा, ‘‘हम भारत और पाकिस्तान से दृढ़तापूर्वक आग्रह करते हैं कि वे संयम बरतें और दक्षिण एशिया की शांति एवं स्थिरता के लिए बातचीत के जरिए स्थिति को स्थिर करें।’’
भाषा
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