केंद्रीय समिति 50 से अधिक पेड़ों की कटाई की निगरानी करेगी: दिल्ली उच्च न्यायालय
देवेंद्र नरेश
- 09 May 2025, 06:37 PM
- Updated: 06:37 PM
नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिकृत केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) राजधानी में 50 या इससे अधिक पेड़ों को काटने या प्रतिरोपण करने की अनुमति की निगरानी करेगी।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि यह प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुरूप होगी।
अदालत ने यह आदेश दिल्ली सरकार की उस याचिका पर पारित किया, जिसमें पेड़ों की कटाई के लिए दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम के तहत अधिकारियों द्वारा दी गई अनुमति को विनियमित करने संबंधी उच्च न्यायालय के निर्देशों में संशोधन का अनुरोध किया गया है।
अदालत ने कहा, ‘‘चूंकि सीईसी को उच्चतम न्यायालय द्वारा 19 दिसंबर, 2024 और आठ अप्रैल, 2025 के आदेश के अनुसार 50 पेड़ों और इससे अधिक के लिए विभाग द्वारा दी गई अनुमति की निगरानी करने के लिए अधिकृत किया गया है, इसलिए इस अदालत को इसकी निगरानी करने की आवश्यकता नहीं है।’’
अदालत ने कहा, ‘‘दिनांक 31.08.2023, 14.09.2023 और 09.08.2024 के आदेशों को इस सीमा तक निरस्त/संशोधित किया जाता है कि 50 या इससे अधिक पेड़ों को काटने के लिए दी गई अनुमति की निगरानी अब उच्चतम न्यायालय के आदेश/निर्देशों के अनुसार सीईसी द्वारा की जाएगी।’’
अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि जहां तक 50 पेड़ों तक की अनुमति का सवाल है, यह अंतरिम आदेशों के अनुरूप तब तक जारी रहेगी जब तक कि मानक संचालन प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दे दिया जाता और अधिकारियों द्वारा इसे लागू नहीं कर दिया जाता।
न्यायाधीश ने कहा कि हालांकि अधिकारी बड़े पैमाने पर वनों की कटाई को रोकने में विफल रहे, लेकिन न्यायालय द्वारा पेड़ों की सुरक्षा के लिए निर्देश जारी किए गए - जो बढ़ते प्रदूषण स्तर और बढ़ते तापमान से दिल्ली की सुरक्षा करने का एकमात्र उपाय है।
पेड़ों की कटाई के अनुरोध पर आदेश पारित करने के निर्देशों का पालन करने में अधिकारियों की विफलता पर अवमानना याचिका पर अपने अंतरिम आदेशों में, उच्च न्यायालय ने पेड़ों की कटाई की अनुमति पर रोक लगा दी थी और उन्हें अपनी मंजूरी के अधीन कर दिया था।
अदालत ने कहा कि यदि पेड़ों को काटने या इन्हें किसी अन्य स्थान पर प्रतिरोपण किये जाने के लिए अनुमति की आवश्यकता हो तो सबसे पहले उसे इसकी सूचना दी जानी चाहिए।
पर्यावरणविद एम.सी. मेहता द्वारा 1985 में दायर जनहित याचिका पर 19 दिसंबर, 2024 को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि 50 या इससे अधिक पेड़ों को काटने के किसी भी अनुरोध को केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति मंजूरी देगी।
भाषा
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