एसबीआई समेत आठ बैंक यस बैंक में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 13,483 करोड़ रुपये में बेचेंगे
अनुराग प्रेम
- 09 May 2025, 07:33 PM
- Updated: 07:33 PM
नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और सात अन्य बैंकों ने शुक्रवार को यस बैंक में अपनी संयुक्त हिस्सेदारी का 20 प्रतिशत जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एसएमबीसी) को 13,483 करोड़ रुपये में बेचने की घोषणा की।
इसके साथ ही यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़ा विदेशी निवेश हो जाएगा। लेनदेन पूरा होने के बाद एसएमबीसी मुंबई स्थित यस बैंक की सबसे बड़ी शेयरधारक बन जाएगी।
एसएमबीसी जापान के दूसरे बड़े बैंकिंग समूह सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप (एसएमएफजी) के पूर्ण-स्वामित्व वाली अनुषंगी है। एसएमएफजी की कुल संपत्ति दिसंबर, 2024 तक दो लाख करोड़ डॉलर है।
सौदे वाली कुल 20 प्रतिशत हिस्सेदारी में से एसबीआई 8,889 करोड़ रुपये में एसएमबीसी के पक्ष में 13.19 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा।
शेष 6.81 प्रतिशत शेयरधारिता सात अन्य बैंकों - एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, फेडरल बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा लगभग 4,594 करोड़ रुपये में बेची जाएगी।
एसबीआई और सात निवेशक ऋणदाताओं ने मार्च, 2020 में यस बैंक पुनर्गठन योजना के हिस्से के रूप में बैंक में निवेश किया था।
बयान के मुताबिक, शेयर बिक्री 21.50 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की कीमत पर प्रस्तावित है।
एसबीआई ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की कार्यकारी समिति (ईसीसीबी) ने यस बैंक के 413.44 करोड़ शेयर यानी 13.19 प्रतिशत इक्विटी के बराबर हिस्सेदारी 8,888.97 करोड़ रुपये में बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
बीएसई पर शेयरधारिता को लेकर साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, मार्च, 2025 तक एसबीआई के पास यस बैंक में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो सौदे के बाद घटकर 10 प्रतिशत से कुछ ज्यादा रह जाएगी।
अन्य बैंकों में एचडीएफसी बैंक के पास 31 मार्च, 2025 तक 2.75 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक के पास 2.39 प्रतिशत, कोटक महिंद्रा बैंक के पास 1.21 प्रतिशत, एक्सिस बैंक के पास 1.01 प्रतिशत, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के पास 0.92 प्रतिशत, फेडरल बैंक के पास 0.76 प्रतिशत और बंधन बैंक के पास 0.70 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
यस बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, “यह लेनदेन भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़ा विदेशी निवेश है...यह लेनदेन यस बैंक के अगले चरण की वृद्धि, लाभप्रदता और मूल्य सृजन को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमें एसएमबीसी की वैश्विक विशेषज्ञता का लाभ उठाने की उम्मीद है।”
यह लेनदेन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) सहित आवश्यक विनियामक और वैधानिक अनुमोदन के अधीन है और यह प्रक्रियागत समापन शर्तों के अधीन होगा।
यदि यह लेनदेन यस बैंक के स्वामित्व और रणनीतिक दिशा को नया आकार दे सकता है। यस बैंक ने 2020 में लगभग खत्म होने के बाद से नाटकीय बदलाव देखा जब एसबीआई और अन्य घरेलू बैंकों ने इसे बचाए रखा था।
इस सौदे पर यस बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार ने कहा कि एसएमबीसी एक प्रमुख शेयरधारक है जिसका निवेश बैंक की वृद्धि के अगले चरण में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बीएसई पर यस बैंक का शेयर 9.77 प्रतिशत बढ़कर 20 रुपये प्रति इकाई पर बंद हुआ।
भाषा
अनुराग