पाकिस्तान ने भारतीय प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए तुर्किये के ड्रोन का इस्तेमाल किया: सेना
देवेंद्र पवनेश
- 09 May 2025, 09:26 PM
- Updated: 09:26 PM
नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार की रात भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने, वायु रक्षा प्रणालियों और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल किया और हमले के दौरान अपने असैन्य हवाई क्षेत्र को खुला रखा, जिससे नागरिक उड़ानें खतरे में पड़ गईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि ज्यादातर ड्रोन को ‘काइनेटिक’ और ‘नॉन-काइनेटिक’ तकनीक का इस्तेमाल करके गिराया गया।
दोनों सैन्य अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान ने अपने नागरिक विमानों को ‘‘ढाल’’ के रूप में इस्तेमाल किया, क्योंकि उसने सात मई को भारतीय प्रतिष्ठानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने के प्रयासों के दौरान अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया, क्योंकि उसे अच्छी तरह से पता था कि इन हमलों का भारत की ओर से त्वरित जवाब मिलेगा।
सिंह ने कहा, ‘‘8-9 मई की रात को पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया और लेह से सर क्रीक तक 36 स्थानों पर 300-400 ड्रोन से सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने का प्रयास किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय बलों ने ‘काइनेटिक’ और ‘नॉन-काइनेटिक’ तकनीक का उपयोग करके कई ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया। बठिंडा पर एक सशस्त्र यूएवी हमले को भी विफल कर दिया गया।’’
विंग कमांडर ने कहा कि भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चार पाकिस्तानी वायु रक्षा ठिकानों पर ड्रोन हमले किए, जिसमें एक रडार नष्ट हो गया।
सिंह ने कहा कि बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी कार्रवाई का ‘‘संभावित’’ उद्देश्य वायु रक्षा प्रणालियों की पड़ताल करना और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था।
उन्होंने कहा, ‘‘ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि यह तुर्किये का असिसगार्ड सोंगर ड्रोन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पार तोपखाने और ड्रोन हमलों को बढ़ाया, जिससे लोग हताहत हुए। चिंताजनक बात यह है कि हमले के दौरान पाकिस्तान ने अपना नागरिक हवाई क्षेत्र खुला रखा, जिससे नागरिक उड़ानें खतरे में पड़ गईं।’’
पाकिस्तानी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के चार वायु रक्षा स्थलों पर सशस्त्र ड्रोन से कार्रवाई की।
सिंह ने कहा, ‘‘एक ड्रोन वायु रक्षा रडार को नष्ट करने में सक्षम था।’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कंधन, उरी, पुंछ, मेंढर, राजौरी, अकुर और उधमपुर में भारी क्षमता वाली तोपों और सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी की, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना के कुछ जवान घायल हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की ओर से जवाबी गोलीबारी में पाकिस्तानी सेना को भी भारी नुकसान हुआ।’’
कुरैशी ने कहा, ‘‘इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान का गैरजिम्मेदाराना रवैया फिर से सामने आया, क्योंकि पाकिस्तान ने सात मई को एक नाकाम और बिना किसी कारण के ड्रोन और मिसाइल हमला करने के बावजूद अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान नागरिक विमानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, जबकि वह अच्छी तरह जानता है कि भारत पर उसके हमले से हवाई रक्षा के लिए त्वरित प्रतिक्रिया मिलेगी। यह नागरिक विमानों के लिए सुरक्षित नहीं है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास उड़ान भरने वाले अंतरराष्ट्रीय विमान भी शामिल हैं।’’
अधिकारी ने ‘फ्लाइटराडार24’ वेबसाइट पर विमानों की आवाजाही के स्क्रीनशॉट भी दिखाए।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने अपनी प्रतिक्रिया में काफी संयम दिखाया, जिससे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
बुधवार सुबह भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और इसके बाद पाकिस्तान द्वारा 15 भारतीय शहरों पर हमला करने के नाकाम प्रयास के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
भाषा देवेंद्र