जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संघर्षविराम का स्वागत किया
राजकुमार दिलीप
- 10 May 2025, 07:57 PM
- Updated: 07:57 PM
(तस्वीर के साथ)
श्रीनगर, 10 मई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तथा उनके पिता एवं सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा का स्वागत किया।
उमर अब्दुल्ला ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम बहाली के बारे में भारत सरकार के प्रवक्ता द्वारा की गई घोषणा का तहे दिल से स्वागत करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देर आए दुरुस्त आए, लेकिन यदि यह संघर्ष विराम दो या तीन दिन पहले हो जाता, तो शायद जो रक्तपात हमने देखा और जो बहुमूल्य जानें हमने गंवाईं, वे सुरक्षित होतीं।’’
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया तथा वे जम्मू-कश्मीर एवं अन्य जगहों पर संघर्ष विराम बहाल करने पर सहमत हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘अब यह जम्मू-कश्मीर सरकार का कर्तव्य है कि इस दौरान जो लोग प्रभावित हुए हैं, उन्हें वह राहत और मुआवजा प्रदान करे। हमने बहुमूल्य जानों के नुकसान के लिए मुआवजे की घोषणा की है। अब हमें उन लोगों को भी मुआवजा देना होगा, जो घायल हुए हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू, पुंछ, राजौरी, तंगधार और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सीमा पार से गोलाबारी और हमलों के कारण काफी तबाही हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब हमें यह भी उम्मीद है कि हम हज उड़ानें फिर से शुरू कर सकेंगे, क्योंकि हवाई अड्डा बंद होने के कारण हम हज यात्रियों को नहीं भेज पा रहे थे।’’
इस बीच, उमर अब्दुल्ला के पिता एवं सत्तारूढ़ दल नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वास की कमी को पाटने की प्राथमिक जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है, जिसे सीमा पार आतंकवाद के संबंध में नयी दिल्ली की चिंताओं का समाधान करना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने यहां एक बयान में शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की जरूरत पर बल दिया, क्योंकि इससे जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहने वाले लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले हमारे लोगों को दोनों पड़ोसी देशों के बीच बिगड़ते हालात का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस कदम से हमारे लोगों की पीड़ा काफी हद तक कम होगी, जो गोलीबारी में फंस गए हैं।’’
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी दोस्ती की वकालत की है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन विश्वास की कमी को पाटने की प्राथमिक जिम्मेदारी पाकिस्तान की है, जिसे सीमा पार आतंकवाद के बारे में भारत की वास्तविक चिंताओं को दूर करना चाहिए।’’
भाषा
राजकुमार