पाकिस्तान, भारत तत्काल संघर्षविराम पर सहमत, अमेरिका का मध्यस्थता का दावा
देवेंद्र माधव
- 10 May 2025, 09:59 PM
- Updated: 09:59 PM
वाशिंगटन, 10 मई (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ‘‘तत्काल और पूर्ण’’ संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने साथ ही दावा किया कि ऐसा अमेरिका की मध्यस्थता वाली वार्ता के कारण संभव हो सका है।
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे अमेरिका की मध्यस्थता वाला संघर्षविराम बताया तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ‘‘शांति का मार्ग चुनने के लिए उनके विवेक और राजनीतिक सूझबूझ की सराहना की।’’
अमेरिका की मध्यस्थता से संघर्षविराम ऐसे समय में हुआ है जब भारत और पाकिस्तान की सेनाओं द्वारा एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा था, जिससे संघर्ष गंभीर रूप से बढ़ गया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में घोषणा की, ‘‘अमेरिका की मध्यस्थता में पूरी रात चली बातचीत के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान ‘तत्काल और पूर्ण संघर्षविराम’ पर सहमत हो गए हैं।’’
ट्रंप ने कहा, ‘‘दोनों देशों को समझदारी और विवेक का इस्तेमाल करने के लिए बधाई। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद।’’
उन्होंने यह घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक डार और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से बातचीत के बाद की।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति की टीम, विशेषकर विदेश मंत्री रुबियो का काम शानदार रहा। मैं भारत और पाकिस्तान के नेताओं के प्रति उनकी कड़ी मेहनत और इस संघर्षविराम में शामिल होने की इच्छा के लिए आभार व्यक्त करता हूं।’’
रुबियो ने एक बयान में कहा कि उन्हें ‘‘यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान की सरकारें तत्काल संघर्षविराम और तटस्थ स्थल पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हो गई हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 48 घंटे में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और मैंने प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख मुनीर और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत वरिष्ठ भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बातचीत की है।’’
नयी दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने हालांकि कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर दोनों देशों के बीच सीधे तौर पर बातचीत हुई।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने आज अपराह्न भारतीय डीजीएमओ से फोन पर बातचीत की जिसके बाद चर्चा हुई और सहमति बनी।
इस्लामाबाद में पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इसहाक डार ने तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम की पुष्टि की।
डार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पाकिस्तान और भारत तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। पाकिस्तान ने हमेशा अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास किया है।’’
उन्होंने ‘जियो न्यूज’ से कहा, ‘‘हमने आज शाम साढ़े चार बजे (पाकिस्तानी समयानुसार) से संघर्षविराम पर सहमति जताई है।’’
उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि दिन भर चली व्यस्त कूटनीति के कारण दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में आए तथा ‘‘यह सहमति बनी’’।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल संघर्षविराम की घोषणा का स्वागत किया।
महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम नजर बनाए हुए हैं, हम संघर्ष को कम करने के सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं।’’
पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत के साथ संघर्षविराम की घोषणा के तुरंत बाद अपने हवाई क्षेत्र को सभी प्रकार के यातायात के लिए खोल रहा है।
पाकिस्तान हवाई अड्डा प्राधिकरण (पीएए) ने कहा, ‘‘देश के सभी हवाई अड्डे सामान्य उड़ान परिचालन के लिए उपलब्ध हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपनी उड़ानों के नवीनतम कार्यक्रम के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें।’’
भारत के साथ तनाव के कारण पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र कुछ समय के लिए बंद रहा, जिससे नियमित हवाई यातायात बाधित हुआ और यात्रियों को असुविधा हुई।
दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था, जब भारतीय सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर बुधवार को कार्रवाई की थी। इस हमले के तार सीमा पार से जुड़े थे।
पहलगाम में हुए हमले 26 लोग मारे गये थे जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे।
पाकिस्तान ने शुक्रवार को लगातार दूसरी रात जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक भारत में 26 स्थानों को निशाना बनाकर ड्रोन हमले किए। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हवाई अड्डों और वायु सेना ठिकानों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के दुश्मन के प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया था।
भाषा
देवेंद्र