ईरान और अमेरिका के बीच ओमान में तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर चौथे दौर की वार्ता संपन्न
शुभम नेत्रपाल
- 11 May 2025, 10:54 PM
- Updated: 10:54 PM
दुबई, 11 मई (एपी) ईरान और अमेरिका के बीच रविवार को तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम के संबंध में चौथे दौर की वार्ता संपन्न हुई।
वार्ता इस सप्ताह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पश्चिम एशिया की यात्रा से ठीक पहले हुई।
इस संबंध में एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि ओमान की राजधानी मस्कट में यह वार्ता करीब तीन घंटे तक चली। ओमान इस वार्ता में मध्यस्थता कर रहा है।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने भी कहा कि वार्ता इतनी ही लंबी चली और अगले दौर की वार्ता पर निर्णय के लिए चर्चा जारी है।
बाघई ने वार्ता को “कठिन लेकिन सार्थक” बताया।
बंद कमरे में हुई वार्ता के बारे में अमेरिकी अधिकारी ने (नाम न बताने की शर्त पर) थोड़ा और विस्तार से बताया तथा कहा कि यह अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष दोनों तरह की वार्ता है।
अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘‘तकनीकी तत्वों के माध्यम से काम जारी रखने के लिए वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। हम आज के परिणाम से उत्साहित हैं और हमारी अगली बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो निकट भविष्य में होगी।’’
इस वार्ता का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करना है, जिसके बदले में अमेरिका द्वारा इस्लामी गणराज्य पर लगाए गए कुछ कठोर आर्थिक प्रतिबंधों को हटाना तथा दोनों देशों के बीच आधी सदी से चली आ रही शत्रुता को समाप्त करना है।
ट्रंप ने बार-बार धमकी दी है कि अगर कोई समझौता नहीं हुआ तो ईरान के कार्यक्रम को निशाना बनाकर अमेरिका हवाई हमले करेगा।
ईरानी अधिकारी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वे अपने यूरेनियम भंडार को हथियार स्तर तक समृद्ध करके परमाणु हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
इस बीच, इजराइल ने धमकी दी है कि यदि उसे खतरा महसूस हुआ तो वह ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला कर देगा, जिससे पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया है।
गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध के कारण क्षेत्र में तनाव पहले से ही बढ़ा हुआ है।
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और पश्चिम एशियाई मामलों के अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने फिर से वार्ता का नेतृत्व किया। वे आमने-सामने मिले और बातचीत की, लेकिन अधिकांश वार्ता अप्रत्यक्ष रही, जिसमें ओमानी विदेश मंत्री बदर अल-बुसैदी दोनों पक्षों के बीच संदेशों का आदान-प्रदान करते रहे।
अल-बुसैदी ने बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘चर्चा में उपयोगी और मौलिक विचार शामिल थे, जो एक सम्मानजनक समझौते पर पहुंचने की साझा इच्छा को दर्शाते हैं।’’
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