क्या भारत ने अपनी विदेश नीति अमेरिका को आउटसोर्स कर दी है?: प्रियांक खरगे
नोमान नरेश
- 13 May 2025, 06:14 PM
- Updated: 06:14 PM
बेंगलुरु/कलबुर्गी, 13 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को उनका 'एकालाप' करार देते हुए कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने मंगलवार को जानना चाहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'संघर्ष विराम' की घोषणा क्यों की, भारतीय प्रधानमंत्री ने क्यों नहीं की?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पुत्र प्रियांक खरगे ने यह भी पूछा कि क्या भारत ने अपनी विदेश नीति को अमेरिका को ‘आउटसोर्स’ कर दिया है?
मंत्री ने कलबुर्गी में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, "प्रधानमंत्री ने एक बार फिर एकालाप किया है।"
वह सोमवार रात मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन का जिक्र कर रहे थे।
खरगे ने कहा कि कांग्रेस और सभी विपक्षी दलों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे देश के हित में सरकार द्वारा लिए जाने वाले किसी भी निर्णायक फैसले में उसके साथ हैं।
मंत्री ने कहा, "हम प्रधानमंत्री से सर्वदलीय बैठक की मांग कर रहे हैं, जिसमें वह हमें बताएं कि क्या हुआ है, संघर्ष विराम किस लिए है, संघर्ष विराम की शर्तें क्या थीं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष विराम की घोषणा क्यों की, भारत के प्रधानमंत्री ने क्यों नहीं की?"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार से संसद सत्र बुलाकर देश को यह बताने को कहा है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान क्या हुआ?
मंत्री ने कहा, "लेकिन दुर्भाग्य से, हमेशा की तरह, प्रधानमंत्री देश के लोगों के साथ संवाद करने के बजाय एकालाप करना पसंद करते हैं।"
खरगे ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे सरकार और भारतीय सेना के साथ हैं, लेकिन चीजें स्पष्ट करने की जरूरत है।
मंत्री ने पूछा, ‘‘क्या भारत सरकार, प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री ने देश की विदेश नीति को अमेरिका को आउटसोर्स कर दिया है?’’
उन्होंने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति एक बार नहीं बल्कि तीन बार ट्वीट कर क्यों कह रहे हैं कि उन्होंने युद्ध विराम के लिए मध्यस्थता की है और वह यहां तक कह रहे हैं कि उन्होंने दोनों प्रधानमंत्रियों से बात की है और यह सैन्य युद्ध विराम के बजाय आर्थिक युद्ध विराम है।"
प्रियांक खरगे ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीयों को भारत के प्रधानमंत्री से बहुत उम्मीदें हैं न कि अन्य देश के राष्ट्रपति से।
उन्होंने यह भी जानना चाहा कि जब मोदी सरकार सत्ता में है तो एक द्विपक्षीय मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा क्यों बन रहा है?
विधान परिषद के सदस्य और कांग्रेस नेता बी के हरिप्रसाद ने कहा कि मोदी ने दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साहस और दृढ़ संकल्प का 0.1 प्रतिशत भी नहीं दिखाया।
उन्होंने याद दिलाया कि 1971 में इंदिरा गांधी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई बाधाओं और प्रतिकूलता स्थितियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में विभाजित कर दिया था।
हरिप्रसाद ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, "इस अवसर पर इंदिरा गांधी को याद करना स्वाभाविक है, जिन्होंने पूरी दुनिया में लौह महिला की ख्याति अर्जित की थी।"
भाषा
नोमान