क्या भारत ने कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है: कांग्रेस नेता श्रीनेत
संतोष
- 13 May 2025, 07:50 PM
- Updated: 07:50 PM
लखनऊ, 13 मई (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को जानना चाहा कि क्या भारत ने कश्मीर में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है। कांग्रेस ने यह भी पूछा कि ‘‘क्या आतंकवाद पर व्यापार की जीत हुई है।’’
लखनऊ में मंगलवार को ‘पीटीआई वीडियो’ से बात करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘यह सच है कि हमें अपनी सेना की वीरता पर गर्व है जिसने पाकिस्तान को हराया। लेकिन प्रधानमंत्री के 22 मिनट के भाषण में हमें कोई जवाब नहीं मिला।’’
श्रीनेत ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके कुछ समय पहले बात की थी और कहा था कि उन्होंने व्यापार की धमकियों का इस्तेमाल करके यह संघर्ष विराम कराया है।
श्रीनेत की यह टिप्पणी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह दावा दोहराए जाने के एक दिन बाद आई है कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘परमाणु युद्ध’ को रोक दिया। ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से कहा कि अगर वे शत्रुता समाप्त करते हैं तो अमेरिका उनके साथ ‘बहुत सारा व्यापार’ करेगा।
चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल से हमला करने के बाद भारत और पाकिस्तान संघर्षविराम के लिए शनिवार को राजी हो गए।
श्रीनेत के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या वह (प्रधानमंत्री की ओर इशारा करते हुए) वास्तव में अमेरिका के दबाव में थे? वे बार-बार यह क्यों कह रहे हैं कि उन्होंने संघर्ष विराम करवाया है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण में दूसरी बात यह कही थी कि वह कश्मीर में मध्यस्थता करेंगे। क्या भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार की है, क्योंकि आज तक हमने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को पूरी तरह से खारिज किया है।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिकी बयान में तीसरी बात यह कही गई है कि भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक-दूसरे से तटस्थ स्थल पर मिलेंगे। इसके मद्देनजर श्रीनेत ने कहा कि भाषण में इस बात का जवाब नहीं दिया गया है कि क्या वह (प्रधानमंत्री मोदी) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं? और क्या भारत कूटनीतिक चैनल खोलने जा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस सवाल का भी कोई जवाब नहीं दिया गया कि उस समय संघर्ष विराम क्यों हुआ?
उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री ने जब कहा कि सेना ने इतनी आक्रामक कार्रवाई की कि पाकिस्तान तबाह हो गया, तो ऐसे समय में हमने किसके दबाव में यह सब किया?
श्रीनेत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसका भी जवाब नहीं दिया कि पहलगाम में निर्मम हत्याएं करने वाले खूंखार आतंकवादियों का क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सही है कि सेना ने कई आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया, लेकिन यह नहीं बताया गया है कि लगभग 20 दिनों से पाकिस्तान की हिरासत में रह रहे बीएसएफ जवान पूर्णम साहू को छुड़ाने और वापस लाने के लिए क्या कार्रवाई की गई है।
कांग्रेस नेता ने कहा, "एक और जवाब नहीं मिला, वो ये कि सरकार ने माना है कि खुफिया विफलता हुई है, लेकिन इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी? ये बहुत सारे सवाल हैं जो देश पूछ रहा है, क्योंकि अमेरिका का बयान बार-बार हमारी संप्रभुता को चुनौती देता है।’’
श्रीनेत ने पूछा कि अमेरिका कौन होता है हमारे बीच मध्यस्थता करने वाला, क्योंकि भारत ने आज तक किसी को भी कश्मीर में (मध्यस्थता के लिए) आने नहीं दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका कौन होता है ये बताने वाला कि हमने (अमेरिका ने) संघर्ष विराम करवाया? क्या हमने ये किसी के दबाव में किया? क्या आतंकवाद पर व्यापार की जीत हुई, ये वो सवाल है जो पूरा देश जानना चाहता है।"
इस बीच, उप्र कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा कि कल मोदी जी ने राष्ट्र को संबोधित किया, और देश भी चाहता था कि मोदी जी यह जरूर कहें कि युद्ध विराम की घोषणा डोनाल्ड ट्रंप ने की थी।
राय ने कहा, ‘‘आप देश के प्रधानमंत्री हैं, आप देश चलाते हैं, जनता ने आपको चुना है, आपको संबोधन में यह कहना चाहिए था कि यह घोषणा डोनाल्ड ट्रंप ने की थी।’’
बाराबंकी से लोकसभा सदस्य तनुज पुनिया ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, "अमेरिका हमें बता रहा है कि युद्ध विराम हो गया है। क्या प्रधानमंत्री या हमारे अधिकारी हमें यह नहीं बता सकते थे?’’
पुनिया ने कहा कि भारत के मामलों में अमेरिका का हस्तक्षेप गलत है और इस समय पूरा देश इंदिरा गांधी को याद कर रहा है, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की और बांग्लादेश बनाया और अमेरिका की बात नहीं मानी।
पुनिया ने कहा, "आज मजबूत नेतृत्व की जरूरत है। पूरी कांग्रेस पार्टी सरकार के साथ है, लेकिन उन्हें मजबूत कदम उठाने चाहिए और (जोर देकर) यह कहना चाहिए कि भारत अपने फैसले खुद लेने में सक्षम है।"
भाषा अरूनव जफर