पाकिस्तान ने 21 दिन बाद बीएसएफ जवान को भारत के सुपुर्द किया
अमित पवनेश
- 14 May 2025, 10:19 PM
- Updated: 10:19 PM
अमृतसर, 14 मई (भाषा) भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को क्रमश: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा बंधक बनाए गए एक-एक जवान को दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एकदूसरे के सुपुर्द किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम कुमार शॉ को पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा पकड़े जाने के 21 दिन बाद अमृतसर में अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया।
बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाकिस्तान रेंजर्स के साथ नियमित फ्लैग मीटिंग और अन्य संचार माध्यमों के जरिये बीएसएफ के लगातार प्रयासों से बीएसएफ कांस्टेबल की वापसी संभव हो पाई है।’’
शॉ को उस समय पकड़ लिया गया था जब वह पहलगाम आतंकवादी हमले के एक दिन बाद सीमा पर किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात थे। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।
अधिकारियों ने कहा कि वहीं, पाकिस्तान के एक रेंजर को उसके हवाले कर दिया गया जिसे बीएसएफ ने तीन मई को राजस्थान में सीमा क्षेत्र से पकड़ा था। पाकिस्तान में अधिकारियों ने रिहा किये गये रेंजर की पहचान मुहम्मदुल्ला के रूप में की।
बीएसएफ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आज सुबह 10.30 बजे कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान द्वारा बीएसएफ के सुपुर्द कर दिया गया।’’
बीएसएफ ने शॉ की एक तस्वीर जारी की जिसमें उन्हें दाढ़ी, मूंछ और बिखरे बालों के साथ देखा जा सकता है। वह गोल गले की हरे रंग की टीशर्ट पहने हुए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि शॉ 23 अप्रैल को फिरोजपुर सेक्टर में अभियान संबंधी ड्यूटी करते हुए पूर्वाह्न करीब 11.50 बजे अनजाने में पाकिस्तान के क्षेत्र में चले गए थे और पाक रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया।
अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि जवान की पूरे शरीर की जांच और मेडिकल परीक्षण किया जाएगा जिसके बाद उनकी काउंसलिंग होगी और ‘डीब्रीफिंग’ सत्र में बीएसएफ के अधिकारी उन्हें रेंजर्स द्वारा 21 दिन तक पकड़कर रखने के बारे में उनसे ‘प्रासंगिक प्रश्न’ पूछेंगे।
उन्होंने कहा कि 24वीं बीएसएफ बटालियन के इस जवान को सक्रिय ड्यूटी में शामिल नहीं किया जाएगा और वह बीएसएफ के पंजाब फ्रंटियर की आधिकारिक जांच में भी शामिल होंगे, जिसमें रेंजर्स द्वारा उन्हें पकड़े जाने के घटनाक्रम की जांच की जाएगी और खामियों का पता लगाया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि स्थापित प्रोटोकॉल के तहत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा पर जवान को बल के सुपुर्द किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि जवान ‘किसान गार्ड’ का हिस्सा थे, जिसे सीमा पर बाड़ के पास अपनी जमीन जोतने वाले भारतीय किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।
अधिकारियों के मुताबिक, जवान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर ‘गलत अनुमान’ लगाया और पास के एक पेड़ के नीचे आराम करने चले गए, जहां से उन्हें रेंजर्स ने पकड़ लिया।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को पाकिस्तानी प्राधिकारियों द्वारा रिहा करने की सूचना मिलने के बाद पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशड़ा के लोगों में खुशी का माहौल है।
पाकिस्तान के अधिकारियों द्वारा सुबह करीब 10.30 बजे अटारी-वाघा सीमा पर बीएसएफ कांस्टेबल को भारतीय अधिकारियों को सौंपने की घोषणा के बाद शॉ के घर और पड़ोस में जश्न का माहौल बन गया।
शॉ के घर पर प्रार्थनाओं और मिठाइयों के वितरण के बीच जवान के परिवार के सदस्य अपनी खुशी के आंसू नहीं रोक पाए।
शॉ की गर्भवती पत्नी रजनी अपने पति की रिहाई के वास्ते व्यक्तिगत रूप से अपील करने के लिए पठानकोट और फिरोजपुर भी गई थीं। उन्होंने देशवासियों और नेताओं को धन्यवाद दिया, जो कठिन समय में उनके साथ खड़े रहे।
रजनी ने कहा, "स्थानीय पार्षद, सांसद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार मेरे संपर्क में थे और मुश्किल दिनों में मुझे भरोसा दिलाते रहे। मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देती हूं जो हमारे परिवार के साथ खड़े रहे।"
जवान के पिता भोलानाथ शॉ ने कहा, ‘‘आज हम जश्न मना रहे हैं। हम कई दिनों से चैन से सो नहीं पाए हैं, लेकिन अब हमने आखिरकार राहत की सांस ली है। वह (पूर्णम) सुरक्षित है, वह भारत वापस आ गया है और यही सबसे बड़ी बात है।’’
जवान के पिता ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्र सरकार और बीएसएफ अधिकारियों को मेरे बेटे को वापस घर लाने के लिए उनके अथक प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।"
भाषा
अमित