यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए इस्तांबुल पहुंचा रूस का प्रतिनिधिमंडल
एपी जोहेब नरेश
- 15 May 2025, 04:34 PM
- Updated: 04:34 PM
इस्तांबुल, 15 मई (एपी) रूस का प्रतिनिधिमंडल यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए तुर्किये के शहर इस्तांबुल पहुंच गया है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोव ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन की ओर से बुधवार को जारी बयान के अनुसार राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं हैं।
इस बयान के बाद पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने रूस की आलोचना की और कहा कि वह शांति प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं है।
क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन के करीबी व्लादिमीर मेदिंस्की रूसी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे, जिसमें तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे।
पुतिन ने वार्ता के लिए चार अधिकारियों को “विशेषज्ञों” के तौर नियुक्त किया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पुतिन को तुर्किये में व्यक्तिगत रूप से मिलने की चुनौती दी थी। जेलेंस्की ने कहा है कि वह तुर्किये की राजधानी अंकारा पहुंचकर तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन से मुलाकात करेंगे और पुतिन का इंतेजार करेंगे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्याक ने कहा कि जेलेंस्की केवल पुतिन के साथ ही वार्ता की मेज पर बैठेंगे।
यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के बारे में विवरण और रूसी समकक्षों से मुलाकात के बारे में जानकारी अभी भी स्पष्ट नहीं है।
यूरोपीय देश फिनलैंड की विदेश मंत्री एलिना वाल्टोनेन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सम्मेलन के लिए तुर्किये के ही शहर अंताल्या में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रूस गंभीर शांति प्रक्रिया में शामिल होने का इच्छुक नहीं है।
उन्होंने कहा, “हमारे पास एक कुर्सी खाली है, जो व्लादिमीर पुतिन की कुर्सी है। इसलिए अब मुझे लगता है कि पूरी दुनिया को एहसास हो गया है कि केवल एक ही पक्ष है जो गंभीर शांति वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार नहीं है, और वह निश्चित रूप से रूस है।”
तुर्किये में मौजूद फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां नोएल बैरेट ने भी वाल्टोनेन की बात का समर्थन करते हुए कहा, “यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के सामने एक खाली कुर्सी है, जिस पर व्लादिमीर पुतिन को बैठना चाहिए था। व्लादिमीर पुतिन अपने कदम पीछे खींच रहे हैं और सभी साक्ष्यों से पता चलता है कि वह इन शांति वार्ताओं में शामिल नहीं होना चाहते।”
एपी जोहेब