धूल भरी आंधी के बाद दिल्ली की ‘खराब’ वायु गुणवत्ता को लेकर आप और भाजपा में तकरार
रंजन रंजन नरेश
- 15 May 2025, 04:49 PM
- Updated: 04:49 PM
नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) धूल भरी आंधी के कारण वायु गुणवत्ता में गिरावट के साथ ही राजधानी दिल्ली में राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। विपक्षी आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि उसके शासन के दौरान स्थिति ‘कभी इतनी खराब नहीं थी’ जबकि भाजपा ने आरोप को राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास बताया है।
रात भर चली धूल भरी आंधी के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई और पिछले कुछ हफ्तों से मध्यम स्तर पर स्थिर रहने के बाद बृहस्पतिवार की सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 236 पर पहुंच गया।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर लिखा कि आम आदमी पार्टी (आप) के शासन में साल के इस समय में वायु प्रदूषण की स्थिति ‘कभी इतनी खराब नहीं थी’।
दिल्ली की एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने भी केजरीवाल के विचार से सहमति जतायी। आप नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दावा किया कि मई में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक कभी इतना अधिक नहीं रहा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2022-24 में 15 मई को वायु गणवत्ता सूचकांक कभी 243 से अधिक नहीं हुआ था। आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 दर्ज किया गया ।
आतिशी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि क्या दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा शहर में बिगड़ते वायु प्रदूषण की जिम्मेदारी लेंगे।
इस पर सिरसा ने पलटवार करते हुए कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री राजनीतिक लाभ के लिए एक प्राकृतिक घटना का इस्तेमाल कर रही हैं। भाजपा नेता ने कहा कि ‘असली दोषी’ आप है, जिसने दिल्ली में 10 साल के शासन के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी की।
उन्होंने कहा, ‘‘आज वायु गुणवत्ता सूचकांक में जो उछाल आया है, वह मौसम की घटना के कारण है, कुशासन के कारण नहीं। लेकिन आतिशी जी, असली कुशासन के बारे में बात करते हैं... 10 साल तक आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को अनुपचारित विरासती कचरे, टूटी-फूटी और धूल भरी सड़कों के ढेर में धकेल दिया और प्रदूषण पर कोई जवाबदेही नहीं दिखाई।’’
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 तक पहुंच गया है ।
सिसोदिया ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार के चार इंजन दिल्ली में धुआं छोड़ रहे हैं। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक वर्तमान में 500 है - यानी ज़हर । सूरज की रोशनी दिखाई नहीं दे रही है, कोई सांस नहीं ले पा रहा है, आंखें जल रही हैं और गला खराब है। कोई योजना नहीं, कोई जवाबदेही नहीं, कोई आपातकालीन योजना नहीं। सिर्फ़ भाषण और नारे।’’
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अनुसार शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
भाषा रंजन रंजन