ईडी ने वीवीएमसी के उप निदेशक से 23.25 करोड़ रुपये के आभूषण, सोना जब्त किया
सुरभि प्रशांत
- 15 May 2025, 07:51 PM
- Updated: 07:51 PM
नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वसई विरार नगर निगम (वीवीएमसी) में वर्ष 2009 से सरकारी और निजी भूमि पर आवासीय भवनों के कथित अवैध निर्माण के मामले में मुंबई और हैदराबाद में 13 स्थानों पर छापेमारी के दौरान 9.04 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये के हीरे जड़ित आभूषण जब्त किए हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
बुधवार को शुरू हुई और बृहस्पतिवार तक जारी रही इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप वीवीएमसी के उप निदेशक (नगर नियोजन) वाई. एस. रेड्डी के परिसरों से 8.6 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये के हीरे जड़ित आभूषण और सोना जब्त किया गया।
मामला 2009 से वीवीएमसी के अधिकार क्षेत्र में सरकारी एवं निजी भूमि पर आवासीय और वाणिज्यिक भवनों के कथित अवैध निर्माण से संबंधित है।
ईडी ने एक बयान में कहा, ‘‘वसई विरार शहर की स्वीकृत विकास योजना के अनुसार अवजल शोधन संयंत्र और ‘डंपिंग ग्राउंड’ के लिए आरक्षित भूमि पर 41 अवैध इमारतों का निर्माण किया गया।’’
जांच के दौरान संघीय एजेंसी ने पाया कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण कार्य जारी है, जो 2009 से विभिन्न वीवीएमसी अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है।
छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज वसई विरार क्षेत्र में अवैध निर्माण के व्यापक घोटाले को उजागर करने वाली सामग्री प्रदान करते हैं।
एजेंसी ने कहा, ‘‘आरोपी बिल्डरों और ‘डेवलपर्स’ ने ऐसी जमीन पर अवैध इमारतें बनाकर और बाद में मंजूरी के फर्जी दस्तावेजों के जरिए उन्हें बेचकर आम जनता को धोखा दिया है।’’
एजेंसी ने कहा कि ‘डेवलपर्स’ ने लोगों को गुमराह करके इन अनधिकृत इमारतों में कमरे खरीदने के लिए प्रेरित किया, जबकि उन्हें पहले से पता था कि इन इमारतों को गिराया जाना है।
ईडी ने बिल्डरों, स्थानीय गुंडों और अन्य के खिलाफ मीरा भयंदर पुलिस आयुक्तालय द्वारा दर्ज की गई कई प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की।
बयान में कहा गया है, ‘‘ईडी, मुंबई जोनल कार्यालय ने 14 मई और 15 मई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत मुंबई और हैदराबाद में 13 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी का अभियान चलाया। छापेमारी अभियान में (लगभग) 9.04 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये मूल्य के हीरे जड़ित आभूषण और सोना तथा बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।’’
बंबई उच्च न्यायालय ने आठ जुलाई, 2024 को सभी 41 इमारतों को गिराने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने आदेश के खिलाफ कोई राहत नहीं दी थी और इन संरचनाओं में रहने वाले परिवारों द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज कर दिया था।
इन 41 इमारतों को गिराने का काम वीवीएमसी ने 20 फरवरी को पूरा कर लिया था।
भाषा सुरभि