ट्रंप ने जेलेंस्की के साथ इस्तांबुल वार्ता में शामिल नहीं होने के पुतिन के निर्णय को तवज्जो नहीं दी
एपी संतोष अविनाश
- 15 May 2025, 08:18 PM
- Updated: 08:18 PM
दोहा (कतर), 15 मई (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस बात से हैरान नहीं हैं कि इस हफ्ते तुर्किये में यूक्रेन के साथ होने वाली शांति वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नहीं शामिल होंगे।
ट्रंप ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बृहस्पतिवार को इस्तांबुल में मिलने पर जोर दिया था। उन्होंने अपेक्षित वार्ता में भाग न लेने के पुतिन के फैसले को तवज्जो नहीं दी।
पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के तीसरे दिन दोहा में अधिकारियों के साथ एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि पुतिन के लिए वहां जाना संभव है, अगर मैं वहां नहीं हूं।’’
इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रंप ने संभावित रूप से खुद के भाग लेने की बात कही थी। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार को उल्लेख किया कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ‘नाटो’ समकक्षों के साथ बैठकों के लिए पहले से ही देश में हैं।
ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ की योजना प्रत्याशित रूस-यूक्रेन वार्ता के लिए शुक्रवार को इस्तांबुल में रहने की है।
जेलेंस्की और पुतिन के बीच सीधी बातचीत के लिए यह दबाव रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम समझौता के उद्देश्य से कई वार्ता के बीच बनाया गया है।
पुतिन ने बृहस्पतिवार को तुर्किये के शहर में यूक्रेन के साथ सीधी शांति वार्ता फिर शुरू करने का प्रस्ताव सबसे पहले रखा। जेलेंस्की ने पुतिन को तुर्किये में व्यक्तिगत रूप से मिलने की चुनौती दी।
लेकिन क्रेमलिन ने कहा है कि वार्ता में उसके प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पुतिन के सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की करेंगे और इसमें तीन अन्य अधिकारी शामिल होंगे।
यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्याक ने कहा कि जेलेंस्की केवल रूसी नेता के साथ बैठेंगे।
कतर की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद ट्रंप पश्चिम एशिया में एक अमेरिकी प्रतिष्ठान में अमेरिकी सैनिकों से बातचीत के लिए रुके। उन्होंने खाड़ी देशों की अपनी चार दिवसीय यात्रा का उपयोग इस क्षेत्र में अमेरिका के अतीत के ‘हस्तक्षेपवाद’ को अस्वीकार करने के लिए किया है।
यह प्रतिष्ठान (अल-उदीद एयरबेस) इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्धों के दौरान एक प्रमुख पड़ाव था। इस बेस पर लगभग 8,000 अमेरिकी सैनिक हैं, जबकि उन युद्धों के दौरान लगभग 10,000 सैनिक थे।
ट्रंप ने सैनिकों से कहा कि उनकी प्राथमिकता संघर्षों को समाप्त करना है, उन्हें शुरू करना नहीं।
ट्रंप ने कहा, ‘‘लेकिन यदि अमेरिका या हमारे साझेदारों की रक्षा के लिए आवश्यक हुआ तो मैं अमेरिकी शक्ति का प्रयोग करने में कभी संकोच नहीं करूंगा।’
राष्ट्रपति ने सऊदी अरब और कतर जैसे खाड़ी देशों को संघर्षग्रस्त क्षेत्र में आर्थिक विकास के मॉडल के रूप में पेश किया। उन्होंने कतर के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल ईरान को इस बात के लिए प्रेरित करने के वास्ते करें कि वह परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए अमेरिकी प्रशासन के साथ एक समझौते की शर्तों पर राजी हो जाए।
ट्रंप ने कहा कि वार्ता में प्रगति हुई है, लेकिन चेतावनी दी कि यदि कोई समझौता नहीं हुआ तो ‘हिंसक कदम’ उठाया जा सकता है। ट्रंप ने कारोबार से जुड़े गोलमेज बैठक में कहा, ‘‘ईरान ने शर्तों पर एक तरह से सहमति जताई है: वे नहीं बनाने जा रहे हैं, मैं इसे दोस्ताना तरीके से परमाणु धूल कहता हूं। हम ईरान में कोई परमाणु धूल नहीं बनाने जा रहे हैं।’’
ट्रंप बृहस्पतिवार को अपने पश्चिम एशिया दौरे के अंतिम चरण में संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी की यात्रा करेंगे।
वह देश की सबसे बड़ी मस्जिद शेख जायद ग्रैंड मस्जिद का दौरा करेंगे। यूएई के संस्थापक शेख जायद को मस्जिद के मुख्य प्रांगण में दफनाया गया है।
यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान राजकीय यात्रा पर आए ट्रंप की शाम को कसर अल वतन महल में मेजबानी करेंगे।
एपी संतोष