डिजिटल गिरफ्तारी घोटाला : 92 वर्षीय सेवानिवृत्त सर्जन से 2.2 करोड़ रुपये की ठगी, 2 गिरफ्तार
रंजन रंजन अविनाश
- 15 May 2025, 09:43 PM
- Updated: 09:43 PM
नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) दिल्ली पुलिस की ‘‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस’’ (आईएफएसओ) इकाई ने दो लोगों को गिरफ्तार कर डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी के एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने वीडियो कॉल के जरिए सरकारी अधिकारी बन कर 92 वर्षीय सेवानिवृत्त सर्जन से 2.2 करोड़ रुपये की कथित तौर पर ठगी की थी। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
साइबर ठगी करने वाले इस गिरोह के सदस्यों ने पीड़ित को यह विश्वास दिला दिया कि उसके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं।
आईएफएसओ की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, मामला 15 मार्च को सामने आया, जब बुजुर्ग पीड़ित ने इकाई में शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने पुलिस को बताया कि 12 मार्च को उन्हें भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारी बनकर कई लोगों के कॉल आए। कॉल करने वालों ने दावा किया कि उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) हेमंत तिवारी ने बयान में कहा, ‘‘इसके बाद जालसाजों ने उन्हें डिजिटल तरीके से गिरफ्तार कर लिया...धमकी भरे वीडियो कॉल के जरिए उन्होंने जाली अदालती दस्तावेज दिखाकर पीड़ित को बरगलाया और उसे फर्जी ‘वर्चुअल कोर्ट सुनवाई’ में भाग लेने के लिए मजबूर किया।’’
बयान में कहा गया है कि डर और भ्रम के कारण पीड़ित ने अपनी सारी सावधि जमा राशि निकाल ली और धोखाधड़ी करने वालों के निर्देशानुसार तीन बैंक खातों में धनराशि अंतरित कर दी। बाद में, उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।
शिकायत के आधार पर, एक मामला दर्ज किया गया और उसकी जांच करने और आरोपी को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई गई।
पुलिस उपायुक्त ने कहा ‘‘विस्तृत निगरानी और डिजिटल-फुटप्रिंट विश्लेषण के बाद पुलिस आरोपियों का पता लगाने में कामयाब रही। इसके बाद गाजियाबाद में छापेमारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप अमित शर्मा उर्फ राहुल की गिरफ्तारी हुई। इसके बाद, उसके सहयोगी हरि को गुवाहाटी से गिरफ्तार किया गया।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली के आनंद विहार के रहने वाले अमित शर्मा (42) ने 10वीं तक पढ़ाई की है, जबकि हरि (27) के पास बीएससी की डिग्री है और वह असम के उदलगुरी का रहने वाला है। दोनों कथित तौर पर घोटाले की आय को अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए फर्जी बैंक खाते खुलवाने, उनका प्रबंधन करने और उन्हें संचालित करने में शामिल थे।
पुलिस ने इस अपराध में इस्तेमाल किए गए तीन मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं।
अधिकारी ने बताया कि गिरोह के शेष सदस्यों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं, जिनमें संभवतः विदेश से काम करने वाले लोग भी शामिल हैं।
भाषा रंजन रंजन