थरूर को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने से जुड़े विवाद से कांग्रेस की केरल इकाई ने बनाई दूरी
जोहेब सुभाष
- 18 May 2025, 04:13 PM
- Updated: 04:13 PM
कोच्चि, 18 मई (भाषा) कांग्रेस की केरल इकाई ने विभिन्न देशों के दौरे पर जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के केंद्र के निमंत्रण को स्वीकार करने संबंधी शशि थरूर के फैसले को लेकर उपजे विवाद से रविवार को दूरी बनाते हुए कहा कि इस मामले पर टिप्पणी पार्टी आलाकमान करेगा।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने एक संवाददाता के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि थरूर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य हैं।
उन्होंने यहां परवूर में एक कार्यक्रम से इतर कहा, "सीडब्ल्यूसी सदस्य एक महत्वपूर्ण पद है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को इस बारे में अपनी राय व्यक्त करनी चाहिए। उनका जो भी विचार है, हम भी उससे सहमत हैं।"
हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तिरुवंचूर राधाकृष्णन ने थरूर से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य के रूप में अपनी "प्राथमिक जिम्मेदारी" को पूरा करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के पूर्व राजनयिक थरूर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जा सकते हैं, लेकिन केवल पार्टी नेतृत्व की अनुमति से।
एक टीवी चैनल से बात करते हुए, राधाकृष्णन ने कहा कि थरूर की दो भूमिकाएं हैं - एक अपने विचारों और संपर्कों वाले अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति के रूप में, और दूसरी, कांग्रेस सांसद के रूप में।
उन्होंने कहा, “स्वाभाविक रूप से, उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को जानकारी देकर मंजूरी लेने के बाद आगे बढ़ना चाहिए। वह अभी भी अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में काम कर सकते हैं, लेकिन इससे उस पार्टी को कम नहीं आंकना चाहिए जिसका वह वर्तमान में प्रतिनिधित्व करते हैं।”
यह स्वीकार करते हुए कि थरूर छोटे कद के नेता नहीं हैं, राधाकृष्णन ने कहा कि उन्हें संसदीय दल के सदस्य के रूप में अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि थरूर कांग्रेस नेतृत्व की मंजूरी से अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अवसरों की तलाश कर सकते हैं।
आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ भारत का रुख सामने रखने के लिए विदेश भेजे जाने वाले एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के केंद्र के निमंत्रण को थरूर ने स्वीकार कर लिया है, जिसके मद्देनजर कांग्रेस नेताओं ने ये प्रतिक्रियाएं दी हैं।
थरूर के फैसले पर इसलिए विवाद पैदा हुआ है कि केंद्र सरकार के अनुरोध पर कांग्रेस की ओर से दिए गए नामों में उनका नाम नहीं था।
थरूर ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में कोई राजनीति नहीं दिखती।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने विदेश मामलों में उनके पिछले अनुभव को देखते हुए उन्हें प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया और उन्होंने तुरंत सहमति दे दी।
सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम मांगे जाने के बाद, कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन और लोकसभा सदस्य राजा बरार के नाम दिए थे।
भाषा
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