खेल मंत्री ने खेलो इंडिया योजना के तहत कई खेलों की शुरुआत की घोषणा की
नमिता आनन्द
- 18 May 2025, 06:43 PM
- Updated: 06:43 PM
नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को खेलो इंडिया पहल के दायरे को व्यापक बनाने की घोषणा की जिसमें इस साल से स्कूली खेल, मार्शल आर्ट, तटीय खेल और ‘वाटर स्पोर्ट्स’ शामिल होंगे।
खेलो इंडिया का वार्षिक कैलेंडर लॉन्च करते हुए मांडविया ने कहा कि सरकार जल्द ही खेलो इंडिया खेलों और अन्य प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला शुरू करेगी जिसमें खेलो इंडिया ‘नॉर्थ-ईस्ट गेम्स’ भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, जमीनी स्तर पर प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देना और प्रतिभाओं की पहचान के लिए साल भर के लिए रणनीतिक कार्यक्रम प्रदान करना है।
मांडविया ने कहा, ‘‘खेलो इंडिया वार्षिक कैलेंडर केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति में बदलने के लिए भारत की घरेलू प्रतियोगिता संरचना को मजबूत करने वाला एक रणनीतिक खाका है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक दशक में भारतीय खेलों में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। हमने खेलो इंडिया पहल के तहत नियमित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के साथ एक गतिशील और समावेशी खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। ’’
मांडविया ने कहा, ‘‘हम जल्द ही खेलो इंडिया ‘बीच गेम्स’ (केआईबीजी), खेलो इंडिया स्कूल गेम्स (केआईएसजी), खेलो इंडिया ‘वाटर स्पोर्ट्स’, खेलो इंडिया ‘नॉर्थ-ईस्ट गेम्स’ आदि की शुरुआत करेंगे। ’’
उन्होंने कहा कि ये टूर्नामेंट भारत की युवा प्रतिभाओं की पहचान करने, उन्हें निखारने और तैयार करने में अहम होंगे।
खेल मंत्री ने कहा, ‘‘संरचित प्रतियोगिताओं, साल भर चलने वाले टूर्नामेंट और अखिल भारतीय भागीदारी के माध्यम से हम निरंतर खेल उत्कृष्टता की नींव रख रहे हैं क्योंकि हम राष्ट्रमंडल खेल 2030 और ओलंपिक खेल 2036 के लिए तैयारी कर रहे हैं। भारत आगे बढ़ रहा है और युवा इस खेल क्रांति के केंद्र में हैं। ’’
खेलो इंडिया मंच में पहले से ही चार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता शामिल हैं जिसमें खेलो इंडिया युवा खेल, खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल, खेलो इंडिया पैरा खेल और खेलो इंडिया शीतकालीन खेल शामिल हैं।
खेलो इंडिया स्कूल खेल (केआईएसजी) पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जो जिला स्तर से शुरू होकर राज्य स्तर तक जाएगा और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं पर खत्म होगा।
भाषा नमिता आनन्द