छोटे, सीमांत किसानों को सस्ती दर पर आसानी से ऋण दिया जाए: योगी आदित्यनाथ
आनन्द मनीषा पाण्डेय
- 19 May 2025, 12:56 PM
- Updated: 12:56 PM
लखनऊ, 19 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के छोटे एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए ‘मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना’ शुरू करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाने, उनकी कृषि उत्पादकता बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। ऐसे में किसानों को सस्ती दर पर सरलता से ऋण उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह योजना इसी दिशा में एक प्रभावी कदम सिद्ध होगी।
सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में इस महत्वाकांक्षी योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की गई, जिसे मुख्यमंत्री ने दूरदर्शी और किसान हितैषी पहल बताया। उन्होंने प्रस्तावित मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में नाबार्ड के साथ ही सहकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का क्रियान्वयन प्रभावी और समयबद्ध होना चाहिए। इसके लिए सहकारी बैंकों की ऋण वितरण क्षमता को बढ़ाने, शाखाओं के आधुनिकीकरण हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने और किसानों तक ऋण की सुगमता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि योजना का विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर प्रस्तुत किया जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सहकारिता क्षेत्र की समग्र समीक्षा करते हुए सहकारी संस्थाओं की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि, पारदर्शिता और दक्षता को सहकारिता क्षेत्र की प्राथमिकताओं में शामिल करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सहकारी क्षेत्र में रिक्त बैंकिंग एवं गैर-बैंकिंग पदों पर शीघ्र भर्ती के लिए आईबीपीएस के माध्यम से चयन प्रक्रिया तेज करने को कहा। इससे सहकारी संस्थाओं की कार्यक्षमता और सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
इस दौरान एम-पैक्स समितियों की व्यावसायिक गतिविधियों में भागीदारी पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि इन्हें पीडीएस, जन औषधि, सीएससी, पीएम किसान सम्मान केंद्र और एमएसपी जैसी गतिविधियों से जोड़ा गया है। कंप्यूटरीकरण की प्रगति के तहत प्रथम चरण में 1,539, द्वितीय चरण में 1,523 और तृतीय चरण में 2,624 एम-पैक्स समितियों का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया गया कि उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड एवं राज्य के 50 जिला सहकारी बैंकों को नाबार्ड के सीबीएस क्लाउड मंच से जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी संस्थाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए तकनीक, ऋण और विपणन तक किसानों की पहुंच सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से प्रदेश के किसानों को समृद्ध और सशक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
भाषा आनन्द मनीषा