सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने पश्चिमी मोर्चे पर सतर्क रक्षा के लिए सैनिकों की सराहना की
पृथ्वी राजकुमार
- 19 May 2025, 07:10 PM
- Updated: 07:10 PM
जयपुर, 19 मई (भाषा) थलसेना के अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी सोमवार को कोणार्क कोर के अग्रिम क्षेत्रों में लौंगेवाला (जैसलमेर) पहुंचे और सैनिकों की हौसला अफजाई की। एक सैन्य प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी।
इसके अनुसार सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान सैनिकों की अनुकरणीय भूमिका के लिए बधाई देने और भारतीय वायु सेना एवं सीमा सुरक्षा बल के साथ समन्वय में की गई संयुक्त कार्रवाइयों की समीक्षा करने के लिए सोमवार कोणार्क कोर के अग्रिम क्षेत्रों में लौंगेवाला (जैसलमेर) का दौरा किया।
सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल निखिल धवन ने बताया कि कोणार्क कोर के सैनिकों के साथ बातचीत में सेना प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा में उनकी वीरता, अटूट प्रतिबद्धता और दृढ़ निश्चय की सराहना करते हुए “शाबाश” कहा। उन्होंने सैनिकों की उनकी सतर्क कार्रवाइयों के लिए प्रशंसा की, जिसमें दुश्मन के ड्रोन घुसपैठ को सफलतापूर्वक बेअसर करना भी शामिल है। इन सैनिकों ने रेगिस्तानी क्षेत्र में दुश्मन द्वारा किसी भी दुस्साहस को प्रभावी ढंग से रोका।
जनरल द्विवेदी ने कमांडरों और इकाई की उनके पेशेवर अंदाज, उच्च मनोबल और परिचालन योजनाओं के एकीकृत निष्पादन के लिए भी सराहना की। उन्होंने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सेना की तत्परता पर प्रकाश डाला। उन्होंने संप्रभुता की रक्षा और गतिशील सुरक्षा वातावरण के बीच उच्च परिचालन तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
भीषण गर्मी के विकट हालात में तपते रेगिस्तानी इलाकों में सेवा करने वाले पुरुषों और महिलाओं के धैर्य की सराहना करते हुए, सेना प्रमुख ने राष्ट्रीय उद्देश्यों की रक्षा में उनकी अथक सेवा के लिए प्रशंसा व्यक्त की।
बयान के अनुसार इसके अनुसार जैसलमेर से कच्छ क्षेत्र तक फैले रेगिस्तान में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और बीएसएफ की ओर से त्वरित और समन्वित परिचालन प्रतिक्रिया देखी गई। इन संयुक्त कार्रवाइयों ने न केवल दुश्मन के इरादों को कुंद किया, बल्कि पश्चिमी मोर्चे पर परिचालन प्रभुत्व बनाए रखने में 'न्यू नॉर्मल' भी स्थापित किया।
इसके अनुसार 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय सेना ने वायुसेना और बीएसएफ के साथ घनिष्ठ समन्वय में निगरानी परिसंपत्तियों और वायु रक्षा प्रणालियों की तेजी से तैनाती की।
भाषा पृथ्वी