स्कूली छात्रों में मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए पुलिस पीटीएम में लोगों को जागरुक करेगी
खारी अविनाश
- 19 May 2025, 09:07 PM
- Updated: 09:07 PM
(सौम्या शुक्ला)
नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) किशोरों में मादक पदार्थ के दुरुपयोग को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस अब स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) के दौरान माता-पिता को जागरूक कर उनके बच्चों में मादक पदार्थों के सेवन के शुरुआती संकेतों के बारे में बताएगी।
शिक्षा निदेशालय (डीओई) के सहयोग से शुरू की जा रही इस पहल का उद्देश्य स्कूली छात्रों में मादक पदार्थों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए स्कूल और समुदाय स्तर पर व्यापक जागरुकता तंत्र तैयार करना है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने पहले ही उन स्कूलों के शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं, जिन्होंने इस कार्यक्रम को चुना है। इस कार्यक्रम में व्यवहार संबंधी और मनोविज्ञान संबंधी उन संकेतों की पहचान करने के बारे में बताया गया है जिसकी मदद से, विशेष रूप से किशोरों में मादक पदार्थ के उपयोग का पता लगाया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने हाल में शिक्षा निदेशालय के साथ भागीदारी की और शिक्षकों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया ताकि उन्हें यह समझने में मदद मिल सके कि नशीली दवाओं का उपयोग करने वाले छात्रों में प्रारंभिक संकेत और व्यवहार में बदलाव को कैसे पहचानें।’’
इस पर आगे काम करते हुए पुलिस अब पीटीएम के माध्यम से सीधे माता-पिता को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करेगी ताकि परिवार के स्तर पर प्रारंभिक हस्तक्षेप सुनिश्चित हो सके।
इस पहल को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए दिल्ली पुलिस विशेषज्ञ परामर्शदाताओं को शामिल करने की खातिर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नशा मुक्ति केंद्र के साथ चर्चा कर रही है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘एम्स के पेशेवर परामर्शदाताओं की मदद से हम छोटे, सूचनात्मक वीडियो बनाने की योजना बना रहे हैं जो किशोरों में नशीली दवाओं के उपयोग के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक संकेतों को समझाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन वीडियो को पीटीएम के दौरान दिखाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संदेश सुलभ और दृश्य प्रारूप में माता-पिता तक पहुंचे।’’
वीडियो माता-पिता और शिक्षकों के बीच भी संवाद शुरू करने में मददगार साबित होगा और ये वीडियो उम्र के हिसाब से चेतावनी संकेतों को दर्शाने के लिए तैयार किए जाएंगे।
यह कार्यक्रम सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘यह पहल स्कूलों, परिवारों और कानून प्रवर्तन के बीच की खाई को पाटने में मदद करेगी जिससे एक सहयोगी माहौल बनेगा जहां बच्चों को मादक पदार्थ के सेवन के बढ़ते खतरे से प्रभावी तरीके से बचाया जा सकेगा।’’
भाषा खारी