डीपीएस में फीस वृद्धि और छात्रों के निष्कासन के खिलाफ अभिभावकों ने किया प्रदर्शन
शोभना दिलीप
- 20 May 2025, 04:51 PM
- Updated: 04:51 PM
नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की विभिन्न शाखाओं में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों ने मंगलवार को शिक्षा निदेशालय (डीओई) के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मनमानी फीस वृद्धि तथा छात्रों के निष्कासन पर चिंता व्यक्त की।
अभिभावकों के अनुसार, डीपीएस द्वारका ने बढ़ी हुई फीस का भुगतान न करने के कारण इस महीने की शुरुआत में 32 छात्रों को निष्कासित कर दिया था।
डीपीएस रोहिणी के एक छात्र के अभिभावक विवेक जैन ने अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सरकार द्वारा स्वीकृत फीस का भुगतान करने को तैयार हैं, लेकिन स्कूल द्वारा बिना उचित स्पष्टीकरण के बढ़ाई गई राशि का भुगतान करने को तैयार नहीं हैं।’’
उन्होंने सरकार से प्रस्तावित स्कूल फीस विनियमन विधेयक का मसौदा अभिभावकों के साथ साझा करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह समझना चाहते हैं कि क्या यह वास्तव में अभिभावकों और छात्रों के हितों की रक्षा करता है।’’
अश्विनी मकुल भी ऐसे ही एक अभिभावक हैं, जिनका बच्चा डीपीएस रोहिणी में पढ़ता है। मुकुल ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था, लेकिन अभी तक शिक्षा निदेशालय द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘स्कूल में वही प्रथाएं जारी हैं। अधिकारियों की ओर से स्पष्ट और निर्णायक कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।’’
शिक्षा निदेशालय ने 15 मई को स्कूल को निर्देश दिया था कि वह छात्रों के निष्कासन संबंधी अपना पत्र वापस ले तथा प्रभावित छात्रों को पुनः प्रवेश दे।
विभाग ने स्कूल से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि फीस संबंधी मामलों में किसी भी बच्चे के साथ भेदभाव न हो। साथ ही तीन दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट मांगी गई।
डीपीएस द्वारका के एक छात्र की अभिभावक संगीता ने भी ऐसी ही चिंता जताई। उन्होंने कहा, ’’ हम निदेशालय द्वारा निर्धारित फीस देने के लिए तैयार हैं, लेकिन स्कूल एकतरफा तरीके से फीस बढ़ाता जा रहा है। पारदर्शिता की कमी है और अभिभावकों पर गलत तरीके से बोझ डाला जा रहा है।’’
कई अभिभावकों ने इस प्रकार की शिकायतें कीं, वहीं डीपीएस द्वारका से तत्काल कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हो सकी।
भाषा शोभना