नियामकीय मंजूरी में देरी से अनिश्चितता उत्पन्न हो सकती है: वित्त मंत्री
निहारिका अजय
- 20 May 2025, 05:53 PM
- Updated: 05:53 PM
(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि नियामकीय मंजूरी में देरी से अनिश्चितता उत्पन्न हो सकती है और वाणिज्यिक समयसीमा बाधित हो सकती है, क्योंकि भारत, अमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है।
कॉरपोरेट मामलों की मंत्री सीतारमण ने कहा कि यह जरूरी है कि नियामकीय ढांचे, कठोर निगरानी बनाए रखते हुए उन संयोजनों के लिए त्वरित एवं निर्बाध मंजूरी की सुविधा भी प्रदान करें जो प्रतिस्पर्धा को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के 16वें वार्षिक दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में सीतारमण ने कहा कि नियामक उदारीकरण की भावना की रक्षा करने तथा इसकी ज्यादतियों पर अंकुश लगाने में एक प्रमुख संस्था के रूप में उभरा है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिस्पर्धा से दक्षता बढ़ती है, नवोन्मेषण को बढ़ावा मिलता है तथा उपभोक्ताओं को लाभ मिलता है।
प्रतिस्पर्धी बाजारों के पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि न केवल व्यावसायिक आचरण बल्कि सरकारी नीतियों, कानूनों एवं विनियमों को भी प्रतिस्पर्धा को प्रभावित नहीं करना चाहिए। यह प्रवेश बाधाएं, लाइसेंसिंग मानदंड या खरीद नियम भी विकृति उत्पन्न कर सकते हैं।
सीतारमण ने कहा कि आज की परस्पर जुड़ी और तेज गति वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था में नियामकीय मंजूरी में देरी से अनिश्चितता उत्पन्न हो सकती है, वाणिज्यिक समयसीमा बाधित हो सकती है और संभावित रूप से लेनदेन के मूल्य में कमी आ सकती है।
मंत्री ने कहा, ‘‘ वैश्विक स्तर पर, इसका प्रभाव तब भी पड़ता है जब हम विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत करते हैं क्योंकि निवेशकों की नजर नियामकों की क्षमता, चपलता एवं तत्परता पर होती है। मुझे इसके महत्व को रेखांकित करने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन जब आप उचित समय के भीतर कुछ मुक्त व्यापार समझौतों पर सहमति बनाने की बात करते हैं, तो इसके बेहद गंभीर मायने होते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए, चाहे वह मुकदमा हो, चाहे मुकदमेबाजी में समय लग रहा हो या जब नियामक कम पारदर्शी हों, बातचीत जटिल हो सकती हैं।’’
भारत इस समय अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित विभिन्न देशों एवं समूहों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है।
भाषा निहारिका