सुनिश्चित करें कि जातिगत गणना उचित हो; इससे राहुल गांधी की बदनामी न हो : खरगे
धीरज नेत्रपाल
- 20 May 2025, 09:43 PM
- Updated: 09:43 PM
(तस्वीरों के साथ)
होसपेट (कर्नाटक), 20 मई (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक में जाति आधारित सर्वेक्षण की प्रक्रिया उचित तरीके से की जानी चाहिए तथा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इससे भविष्य में कोई समस्या उत्पन्न न हो या पार्टी नेता राहुल गांधी की बदनामी न हो।
खरगे का यह बयान कर्नाटक मंत्रिमंडल द्वारा सामाजिक एवं शैक्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिए जाने के बीच आया है। इस सर्वेक्षण को ‘जातिगत गणना’ के नाम से जाना जाता है।
अनुसूचित जातियों (एससी) के वर्गीकरण के लिए जारी एक अलग सर्वेक्षण के बीच राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने बेडा जंगमा समुदाय को एससी सूची में कथित रूप से शामिल किए जाने पर चिंता व्यक्त की और फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
खरगे कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पात्र लाभार्थियों को 1.11 लाख से अधिक भूमि-पट्टे वितरित किए गए, जिनकी ‘‘अनिर्दिष्ट बस्तियों’’ को राजस्व गांवों के रूप में मान्यता दी गई।
इस कार्यक्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और कई पार्टी नेता तथा मंत्री शामिल हुए।
खरगे ने कहा, ‘‘मैं सिद्धरमैया और उनके मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों से कहना चाहता हूं: जातिगत गणना कराएं, लेकिन इसे सही तरीके से करें। इससे राहुल गांधी का नाम खराब नहीं होना चाहिए। अगर आप काम का श्रेय चाहते हैं लेकिन इससे समस्याएं पैदा होती हैं, तो इसका असर पूरे राज्य पर पड़ेगा।’’
कर्नाटक के दो प्रमुख समुदायों- वोक्कालिगा और वीरशैव-लिंगायत समेत कई समुदायों ने जाति सर्वेक्षण का कड़ा विरोध करते हुए इसे ‘अवैज्ञानिक’ करार दिया है। इन समुदायों ने मौजूदा सर्वेक्षण रिपोर्ट को रद्द कर प्रक्रिया फिर से शुरू करने की मांग की है। समाज के विभिन्न वर्गों और सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर से भी आपत्तियां आई हैं।
खरगे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें आंतरिक आरक्षण की पहल पर को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार को फर्जी जाति प्रमाणपत्र जमा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘अगर ऐसा नहीं किया गया तो इससे अन्याय होगा।’’
बेडा जंगमा समुदाय को अनुसूचित जाति की सूची में कथित रूप से शामिल किए जाने पर आपत्ति जताते हुए खरगे ने कहा, ‘‘लिंगायत समुदाय के गरीब लिंगायतों की सहायता करें और उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान करें। लेकिन बेडा जंगमा को अनुसूचित जाति में शामिल करने से - हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र में मात्र 500 लोगों से, जनसंख्या चार-पांच लाख कैसे हो गई?’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह अनुचित है। उन्हें एससी सूची में शामिल करने से दलित समुदायों को नुकसान पहुंचेगा और वास्तविक एससी को उनके अधिकारों से वंचित किया जाएगा। क्या इसका उद्देश्य एससी की मदद करना है या उनके अधिकारों को छीनना है?’’
राज्य वर्तमान में अनुसूचित जातियों का वर्गीकरण करने के लिए विस्तृत आंकड़े एकत्र करने के लिए एक अलग सर्वेक्षण किया जा रहा है।
खरगे ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस और राहुल गांधी के लगातार दबाव के बाद मोदी सरकार ने हाल ही में आगामी जनगणना में देशव्यापी जातिगत गणना कराने पर सहमति जताई है।
भाषा धीरज