आतंकवादियों ने खुद दुनिया को दिया 'ऑपरेशन सिंदूर' का सबूत: उपराष्ट्रपति धनखड़
देवेंद्र वैभव
- 21 May 2025, 03:24 PM
- Updated: 03:24 PM
(तस्वीरों के साथ)
पणजी, 21 मई (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि आतंकवादियों ने स्वयं ही दुनिया को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सबूत उपलब्ध करा दिए हैं और इस अभियान के तहत जिन लोगों को निशाना बनाया गया था, उनके ताबूतों को पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों और नेताओं द्वारा ले जाया गया था।
दक्षिण गोवा के वास्को में मोरमुगाओ बंदरगाह प्राधिकरण (एमपीए) द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत के सटीक सैन्य हमलों ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को करारा संदेश दिया।
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इससे वैश्विक संदेश गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार की धरती से पूरी दुनिया को यह संदेश दिया था कि आतंकवाद को अब बख्शा नहीं जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमला अंतरराष्ट्रीय सीमा से परे क्षेत्र में किया गया। हमारे सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, लक्ष्य केवल आतंकवादी थे। यह सभी के लिए कितनी संतुष्टि की बात है।’’
उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता के बाद कोई भी इसका सबूत नहीं मांग रहा है।
धनखड़ ने कहा, ‘‘आतंकवादियों (जिन्हें निशाना बनाया गया) ने पूरी दुनिया के सामने इसका सबूत उजागर कर दिया। ताबूतों को उस देश के सैन्य बल, उस देश के राजनीतिक बल और आतंकवादियों द्वारा ले जाया गया।’’
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गये थे। इस घटना के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किये थे।
धनखड़ ने कहा कि भारत एक वैश्विक आर्थिक शक्ति और समुद्री महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि देश शांति, स्थिरता और विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए हमें प्रति व्यक्ति आय में आठ गुना वृद्धि की आवश्यकता है। जब हमारे पास युद्ध जैसी स्थिति हो तो आर्थिक विकास नहीं हो सकता। शांति का माहौल विकास और प्रगति के लिए जरूरी है।’’
धनखड़ ने कहा कि शांति का माहौल सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और विकास की मजबूती तथा राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता से बनता है।
अधिकारियों ने बताया कि वास्को की अपनी यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने मोरमुगाओ बंदरगाह पर तीन परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं।
भाषा
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