भारतीय कारोबार में तीन-चार साल में बैटरी-इलेक्ट्रिक वाहन की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी : जेएलआर
अनुराग अजय
- 21 May 2025, 05:04 PM
- Updated: 05:04 PM
भारतीय कारोबार में तीन-चार साल में बैटरी-इलेक्ट्रिक वाहन की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी :
(मुनीश शेखावत)
गेडॉन (ब्रिटेन), 21 मई (भाषा) टाटा समूह की लक्जरी वाहन विनिर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) को उम्मीद है कि अगले तीन-चार साल में भारत में उसके कारोबार में इलेक्ट्रिक वाहनों का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा, क्योंकि कंपनी देश में हरित वाहनों की तेजी से स्वीकार्यता की उम्मीद के बीच अपना पोर्टफोलियो बना रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाले इस प्रमुख ब्रांड की योजना 2030 तक देश में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) के लगभग आठ संस्करण उतारने की है। इसमें रेंज रोवर बीईवी भी शामिल है, जिसे अगले साल भारत में पेश किए जाने की उम्मीद है।
जेएलआर के पास फिलहाल देश में अपने पोर्टफोलियो में कोई भी बीईवी नहीं है।
जेएलआर इंडिया के प्रबंध निदेशक राजन अंबा ने यहां पीटीआई-भाषा से कहा, “मुझे लगता है कि ईवी उन चीजों में से एक है जो एक ऐसे बिंदु पर पहुंच जाएगी जहां यह तेजी से आगे बढ़ेगी। यह पहले से ही तेजी से आगे बढ़ रही थी, लेकिन थोड़ी धीमी हो गई। अब जब हर विनिर्माता निवेश कर रहा है, तो मुझे लगता है कि कई लोगों की शक्ति इस (खंड) को और आगे बढ़ाएगी, जिससे उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ेगा।”
उन्होंने कहा कि सरकार की सही नीतियों के कारण बैटरी की कीमतों में कमी और ‘माइलेज’ में वृद्धि के साथ, देश में ईवी क्षेत्र सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
अंबा ने कहा, “किसी भी कारण से, इसकी (ईवी बिक्री) थोड़ी धीमी हो गई है, शायद विदेशी भावना से प्रभावित होकर। हालांकि, मुझे लगता है कि निश्चित रूप से हमारे ब्रांड के लिए और हमारी श्रेणी के लिए जहां हम काम करते हैं, अगले तीन-चार वर्षों में बीईवी पोर्टफोलियो से आने वाले हमारे कारोबार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिए यह पर्याप्त से अधिक होगा।”
उन्होंने कहा कि जब कई ओईएम (मूल उपकरण विनिर्माता) आगे आते हैं, तो इससे बाजार बनाने में मदद मिलती है, जो तब संभव नहीं होता जब केवल एक ही इकाई इस क्षेत्र में काम कर रही हो।
अंबा ने कहा कि घरेलू बाजार में लक्जरी खंड में ईवी की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है और पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न वाहन विनिर्माताओं को अपनी कुल मात्रा के मामले में पहले ही लाभ मिल चुका है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि बाजार की धारणा को देखते हुए, रेंज रोवर बीईवी से भी घरेलू बाजार में मजबूत मांग पैदा होने की उम्मीद है।
अंबा ने कहा कि एकमात्र कमी जो है और जिसे तेज करने की जरूरत है, वह है चार्जिंग अवसंरचना बनाने में तेजी, जिससे संभावित ग्राहकों को भरोसा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि जेएलआर इस संबंध में टाटा मोटर्स और समूह की अन्य कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है।
अपने वैश्विक पर्यावरण अनुकूल लक्ष्य के तहत, जेएलआर का लक्ष्य 2039 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करना है।
भाषा अनुराग