अयोध्या में राममंदिर में पांच जून को होगा राम दरबार का प्राण प्रतिष्ठा समारोह: नृपेंद्र मिश्रा
राजकुमार पवनेश
- 21 May 2025, 06:50 PM
- Updated: 06:50 PM
(गुंजन शर्मा)
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) श्री राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है कि अयोध्या में प्रतिष्ठित राम मंदिर का निर्माण पांच जून तक पूरा हो जाएगा और तीन जून से शुरू होने वाले समारोह में ‘राम दरबार’ की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
मिश्रा ने बुधवार को ‘पीटीआई भाषा’ के साथ साक्षात्कार के दौरान कहा कि ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह पांच जून को होगा और इसके बेहद भव्य होने की उम्मीद है, लेकिन इस बार अतिथियों की सूची भिन्न हो सकती है।
पिछले वर्ष 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में एक समारोह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।
मिश्रा ने कहा, ‘‘ राम दरबार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा पांच जून को होगी... अनुष्ठान तीन जून से शुरू हो जायेंगे। इसके अलावा परिसर में सात अन्य मंदिर भी बनाए गए हैं और उन मंदिरों के लिए भी धार्मिक अनुष्ठान उसी दिन किए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मंदिर का निर्माण कार्य पांच जून तक पूरा हो जाएगा, सिवाय भगवान राम की कहानी को दर्शाने वाले भित्ति चित्रों के, जिन्हें मंदिर के निचले हिस्से में लगाया जाना है।’’
जब मिश्रा से यह पूछा गया कि क्या पांच जून का प्राण प्रतिष्ठा समारोह पिछले साल की तरह भव्य होगा, उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट अंतिम रूपरेखा तय कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘... प्राण प्रतिष्ठा समारोह हमेशा भव्य होते हैं। क्योंकि आप स्पष्ट रूप से आह्वान कर रहे हैं और भगवान की ‘प्रतिष्ठा’ की जा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन शायद अतिथियों की सूची अलग होगी। हो सकता है कि पूजा कराने वाले पुजारी अलग हों। इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि यह उसी के समान है। लेकिन मैं कहूंगा कि इसका उद्देश्य वही है और यह उसे हासिल करेगा।’’
मिश्रा ने कहा कि अतिथि सूची में राज्य या केंद्र के विशिष्ट लोग शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ट्रस्ट इस पर विचार कर रहा है। और शायद वे उस समारोह के समय विभिन्न धर्मों के कई आध्यात्मिक गुरुओं को भी आमंत्रित करेंगे। ट्रस्ट ने यह भी निर्णय लिया है कि राज्य या केंद्र सरकार से किसी भी विशिष्ट व्यक्ति को समारोह में आमंत्रित नहीं किया जाएगा।’’
मिश्रा ने इस बात से इनकार किया कि मंदिर निर्माण के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह कोई राजनीतिक नौटंकी है या इसके पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य है। यह हमारे उच्चतम न्यायालय के आदेश पर हुआ है और यह क्षण 500 वर्षों से अधिक संघर्ष के बाद आया है।’’
मिश्रा ने बताया कि पांच जून के समारोह के एक सप्ताह के भीतर मंदिर के नए हिस्से को जनता के लिए खोल दिए जाने की उम्मीद है।
भाषा राजकुमार