अयोध्या में राम मंदिर में पांच जून को होगा राम दरबार का प्राण प्रतिष्ठा समारोह : नृपेंद्र मिश्रा
राजकुमार नेत्रपाल
- 21 May 2025, 09:24 PM
- Updated: 09:24 PM
(गुंजन शर्मा)
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) श्री राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है कि अयोध्या में प्रतिष्ठित राम मंदिर का निर्माण पांच जून तक पूरा हो जाएगा और तीन जून से शुरू होने वाले समारोह में ‘राम दरबार’ की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
मिश्रा ने बुधवार को ‘पीटीआई भाषा’ के साथ साक्षात्कार के दौरान कहा कि ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह पांच जून को होगा और इसके बेहद भव्य होने की उम्मीद है, लेकिन इस बार अतिथियों की सूची भिन्न हो सकती है।
पिछले वर्ष 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में एक समारोह में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।
मिश्रा ने कहा, ‘‘राम दरबार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा पांच जून को होगी... अनुष्ठान तीन जून से शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा परिसर में सात अन्य मंदिर भी बनाए गए हैं और उन मंदिरों के लिए भी धार्मिक अनुष्ठान उसी दिन किए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर का निर्माण कार्य पांच जून तक पूरा हो जाएगा, सिवाय भगवान राम की कहानी को दर्शाने वाले भित्ति चित्रों के, जिन्हें मंदिर के निचले हिस्से में लगाया जाना है।’’
सात मंदिरों में ऋषि वशिष्ठ, वाल्मीकि, अगस्त्य, विश्वामित्र, अहिल्या, शबरी और निषादराज के मंदिर शामिल हैं।
मंदिर में नयी संरचनाओं के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने बताया कि मंदिर का निर्माण तीन चरणों में किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पहला चरण वह था जब भूतल का काम पूरा होना था और रामलला का विग्रह स्थापित किया जाना था। इसलिए यह 2024 के शुरू में किया गया और प्राण प्रतिष्ठा भी की गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद, शेष कार्य - मंदिर की दूसरी मंजिल का निर्माण, जो अब कमोबेश पूरा हो चुका है, और राम दरबार जिसमें भगवान राम, सीता, भगवान राम के भाई और श्री हनुमान शामिल हैं, अब गर्भगृह में जाएंगे जो पहली मंजिल पर बनाया गया है।’’
राम दरबार की मूर्तियों को जयपुर के कारीगरों ने राजस्थान की खदानों में पाए जाने वाले मकराना संगमरमर से तैयार किया है।
जब मिश्रा से यह पूछा गया कि क्या पांच जून का प्राण प्रतिष्ठा समारोह पिछले साल की तरह भव्य होगा, उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट अंतिम रूपरेखा तय कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘... प्राण प्रतिष्ठा समारोह हमेशा भव्य होते हैं। क्योंकि आप स्पष्ट रूप से आह्वान कर रहे हैं और भगवान की ‘प्रतिष्ठा’ की जा रही है।’’
मिश्रा ने कहा, ‘‘लेकिन शायद अतिथियों की सूची अलग होगी। हो सकता है कि पूजा कराने वाले पुजारी अलग हों। इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि यह उसी के समान है। लेकिन मैं कहूंगा कि इसका उद्देश्य वही है और यह उसे हासिल करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे उन आध्यात्मिक लोगों की सूची का चयन कर रहे हैं जिन्होंने एक निश्चित स्तर प्राप्त कर लिया है और जो मान्यता प्राप्त आध्यात्मिक संत और साधु हैं। उन्हें समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।’’
मिश्रा ने कहा कि अतिथि सूची में राज्य या केंद्र के विशिष्ट लोग शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ट्रस्ट का मानना है कि भगवान राम की बाल रूप में प्राण प्रतिष्ठा की जा चुकी है और यह इस देश के शीर्ष व्यक्ति प्रधानमंत्री की उपस्थिति में की गई थी, इसलिए ऐसा करने के बाद उसका विचार है कि शायद उस प्रकृति का दूसरा समारोह करने की आवश्यकता नहीं है।’’
मिश्रा ने कहा, ‘‘ट्रस्ट इस पर विचार कर रहा है। और शायद वे उस समारोह के समय विभिन्न धर्मों के कई आध्यात्मिक गुरुओं को भी आमंत्रित करेंगे। ट्रस्ट ने यह भी निर्णय लिया है कि राज्य या केंद्र सरकार से किसी भी विशिष्ट व्यक्ति को समारोह में आमंत्रित नहीं किया जाएगा।’’
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि मंदिर निर्माण के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य है।
मिश्रा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह कोई राजनीतिक नौटंकी है या इसके पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य है। यह हमारे उच्चतम न्यायालय के आदेश पर हुआ है और यह क्षण 500 वर्षों से अधिक संघर्ष के बाद आया है।’’
उन्होंने बताया कि पांच जून के समारोह के एक सप्ताह के भीतर मंदिर के नए हिस्से को जनता के लिए खोले जाने की उम्मीद है।
मिश्रा ने कहा, ‘‘मुझे जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि प्राण प्रतिष्ठा के एक सप्ताह के भीतर भक्त मंदिर में दर्शन कर सकेंगे... चूंकि मंदिर की पहली मंजिल पर सीमित जगह है और सीढ़ियां एक निश्चित मात्रा में ही वजन उठा सकती हैं, इसलिए एक दिन में 750-1000 लोगों को राम दरबार में दर्शन की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए लोग ऑनलाइन पास प्राप्त कर सकते हैं।’’
भाषा राजकुमार