सेना प्रमुख को फील्ड मार्शल के तौर पर पदोन्नत करने का फैसला मेरा था : शहबाज शरीफ
शफीक पवनेश
- 21 May 2025, 09:26 PM
- Updated: 09:26 PM
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 21 मई (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ हालिया संघर्ष में भूमिका के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के तौर पर पदोन्नत करने का फैसला उनका था।
जनरल मुनीर को पदोन्नत करने का निर्णय मंगलवार को प्रधानमंत्री शहबाज की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था।
जनरल अयूब खान के बाद मुनीर पाकिस्तान में सर्वोच्च सैन्य रैंक पर पदोन्नत होने वाले पहले आर्मी जनरल हैं। जनरल खान को 1959 में फील्ड मार्शल बनाया गया था।
‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार, कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान शहबाज ने भारत के साथ चार दिनों तक चले संघर्ष और अन्य मुद्दों पर बात की।
प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि सेना प्रमुख को पदोन्नत करने का फैसला उनका था। उन्होंने कहा कि वह ऐसे महत्वपूर्ण निर्णयों पर अपने बड़े भाई और तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ से सलाह लेते हैं।
शहबाज ने कहा कि युद्ध से केवल एक पक्ष की जीत और दूसरे की हार होती है। उन्होंने कहा, ‘‘केवल स्थायी शांति ही सुरक्षित भविष्य की गारंटी दे सकती है।’’
चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान 10 मई को संघर्ष समाप्त करने पर सहमत हुए।
इस्लामाबाद और नयी दिल्ली के बीच वार्ता के बारे में शहबाज ने कहा कि जब भी आतंकवाद पर चर्चा होगी, तो यह दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों द्वारा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत वार्ता प्रक्रिया में किसी तीसरे देश को शामिल करने के लिए तैयार नहीं है।
भारत ने हमेशा कहा है कि कश्मीर मुद्दा पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई जगह नहीं है।
प्रधानमंत्री शहबाज ने यह भी कहा कि भारत के साथ भविष्य की किसी भी वार्ता में पाकिस्तान चार प्रमुख मुद्दे उठाएगा, जिनमें कश्मीर, जल, व्यापार और आतंकवाद शामिल है।
उन्होंने सुझाव दिया कि किसी तीसरे देश में वार्ता करना एक अच्छा निर्णय हो सकता है।
शहबाज ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान इजराइल ने ‘‘भारत का व्यापक रूप से समर्थन किया।’’
‘दुनिया न्यूज’ की खबर के मुताबिक, शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान और भारत शांति की स्थिति में लौट आए हैं क्योंकि दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच एक समझौता हुआ है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के साथ ‘‘संघर्षविराम’’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भाषा शफीक