‘एक देश एक चुनाव’ हमारे लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाने की महत्वपूर्ण पहल है: धामी
दीप्ति खारी
- 21 May 2025, 09:33 PM
- Updated: 09:33 PM
देहरादून, 21 मई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ‘एक देश एक चुनाव’ की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि यह हमारे लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
दो दिन के अध्ययन दौरे पर उत्तराखंड आयी पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति के साथ एक संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग समय में चुनाव होने से बार-बार आचार संहिता लागू करने से काम ठप पड़ जाते हैं, प्रक्रिया में खर्च भी अधिक होता है और मतदाताओं का मतदान के प्रति रुझान भी कम होता है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के समय बड़ी संख्या में कर्मचारियों को मूल कार्य से हटाकर चुनाव ड्यूटी में लगाना पड़ता है।
पिछले तीन वर्षों में राज्य में विधानसभा, लोकसभा और निकाय चुनावों की आचार संहिता के कारण 175 दिन तक नीतिगत निर्णय प्रक्रिया के स्थगित रहने का जिक्र करते हुए धामी ने कहा कि छोटे और सीमित संसाधनों वाले राज्य के लिए इतने दिन शासन व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी चुनाव प्रणाली विविधताओं के बावजूद प्रभावी और मजबूत रही है। हमारे लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में ‘एक देश एक चुनाव’ एक महत्वपूर्ण पहल है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव का पूर्ण खर्च राज्य सरकार वहन करती है जबकि लोकसभा चुनाव का खर्च केंद्र सरकार द्वारा उठाया जाता है।
उन्होंने कहा कि अगर दोनों चुनाव एक साथ कराए जाएं तो राज्य और केंद्र सरकार पर खर्च का भार समान रूप से आधा-आधा हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इससे कुल व्यय में लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक की बचत होगी जिसका उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, जल, कृषि एवं महिला सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है।’’
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों में ‘एक देश एक चुनाव’ को महत्वपूर्ण बताते हुए धामी ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में मतदान केंद्रों तक पहुंचना कठिन होता है जिसके कारण चुनाव प्रक्रिया में अधिक समय और संसाधन लगते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पर्वतीय क्षेत्रों में मतदाताओं के लिए भी चुनाव में भाग लेना चुनौतीपूर्ण होता है। बार-बार चुनाव होने से लोगों में मतदान के प्रति रुझान कम होता है और मतदान प्रतिशत भी घटता है।’’
समिति ने पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के अलावा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी उनके सुझाव जाने।
समिति अपने अध्ययन दौरे के दूसरे व अंतिम दिन बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित अन्य विभागों के प्रमुखों, विधिज्ञ परिषद के पदाधिकारियों, आईआईटी रूड़की के प्रतिनिधियों तथा स्थानीय स्तर की प्रमुख हस्तियों के साथ इस विषय पर चर्चा करेगी।
भाषा दीप्ति