यात्री वाहनों की बिक्री में महाराष्ट्र शीर्ष पर, दोपहिया बिक्री में उत्तर प्रदेश सबसे आगे
अनुराग प्रेम
- 23 May 2025, 06:56 PM
- Updated: 06:56 PM
नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान यात्री वाहनों की बिक्री के मामले में महाराष्ट्र पहले स्थान पर रहा जबकि दोपहिया वाहनों की बिक्री में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा। वाहन विनिर्माताओं के निकाय सियाम ने यह जानकारी दी है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024-25 में महाराष्ट्र में यात्री वाहनों (पीवी) की बिक्री 5,06,254 इकाई रही, जो कुल बिक्री का 11.8 प्रतिशत है। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 4,55,530 वाहन (10.6 प्रतिशत) और गुजरात में 3,54,054 वाहन (8.2 प्रतिशत) की बिक्री हुई।
पिछले वित्त वर्ष में यात्री वाहन बिक्री के मामले में कर्नाटक 3,09,464 इकाइयों (7.2 प्रतिशत) के साथ चौथे स्थान पर जबकि हरियाणा 2,94,331 वाहनों (6.8 प्रतिशत) के साथ पांचवें स्थान पर रहा।
दोपहिया वाहन खंड में उत्तर प्रदेश 28,43,410 इकाइयों (14.5 प्रतिशत हिस्सेदारी) की बिक्री के साथ शीर्ष पर रहा। इसके बाद महाराष्ट्र 20,91,250 इकाइयों (10.7 प्रतिशत) के साथ दूसरे और तमिलनाडु 14,81,511 इकाइयों (7.6 प्रतिशत) के साथ तीसरे स्थान पर मौजूद रहा।
समीक्षाधीन अवधि में कर्नाटक 12,94,582 दोपहिया वाहनों (6.6 प्रतिशत) की बिक्री के साथ चौथे स्थान पर रहा, जबकि गुजरात 12,90,588 इकाइयों (6.6 प्रतिशत) की बिक्री के साथ पांचवें स्थान पर रहा।
पिछले वित्त वर्ष में वाणिज्यिक वाहन खंड में महाराष्ट्र 1,34,044 इकाइयों (14 प्रतिशत हिस्सेदारी) के साथ सबसे आगे रहा। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 89,126 वाणिज्यिक वाहनों (9.3 प्रतिशत हिस्सेदारी) और गुजरात में 82,433 वाहनों (8.6 प्रतिशत हिस्सेदारी) की बिक्री हुई।
वाणिज्यिक वाहन बिक्री के मामले में तमिलनाडु 70,567 इकाइयों (7.4 प्रतिशत हिस्सेदारी) की बिक्री के साथ चौथे स्थान पर जबकि कर्नाटक 69,903 वाहनों (7.3 प्रतिशत) की बिक्री के साथ पांचवें स्थान पर रहा।
आंकड़ों के मुताबिक, तिपहिया वाहन खंड में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 93,865 इकाइयां (12.7 प्रतिशत) बिकीं। वहीं गुजरात में 83,947 इकाइयां (11.3 प्रतिशत) और महाराष्ट्र में 83,718 इकाइयां (11.3 प्रतिशत) बिकीं।
कर्नाटक 70,417 इकाइयों (9.5 प्रतिशत) के साथ चौथे स्थान पर और बिहार 47,786 इकाइयों (6.4 प्रतिशत) के साथ पांचवें स्थान पर रहा।
भाषा अनुराग