असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर, 5.35 लाख से अधिक लोग प्रभावित; मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हुयी
यासिर सुभाष
- 03 Jun 2025, 12:10 AM
- Updated: 12:10 AM
(तस्वीरों सहित)
गुवाहाटी, दो जून (भाषा) असम में बाढ़ की स्थिति सोमवार को भी गंभीर बनी रही और 22 जिलों में 5.35 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो जाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गयी। यहां एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
बयान के अनुसार, राज्य में 15 नदियां उफान पर हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक लखीमपुर जिले का दौरा किया और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा है कि असम के अधिकतर स्थानों पर मध्यम वर्षा होने की संभावना है, जबकि कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान है।
राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण सड़क मार्ग, रेल परिवहन और नौका सेवाएं प्रभावित रहीं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में कहा गया है कि 22 जिलों के 65 राजस्व क्षेत्रों और 1,254 गांवों के 5,15,039 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
सबसे अधिक प्रभावित जिला श्रीभूमि है, जहां 1,94,172 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, इसके बाद कछार जिले में 77,961 लोग और नगांव में 67,880 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
पिछले 24 घंटों में, होजाई जिले के डोबोका राजस्व क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत होने की खबर है, जिससे बारिश के दौरान बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 पहुंच गई हैं।
हैलाकांडी और डिब्रूगढ़ के एक-एक, यानी कुल दो लोग लापता बताए जा रहे हैं।
यहां 165 राहत शिविर में 31,212 विस्थापित लोगों को आश्रय दिया गया है, जबकि 157 राहत वितरण केंद्र भी कार्यरत हैं।
पिछले 24 घंटों में 12,610 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गईं है, जबकि 94 जानवर बह गए हैं।
एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि तीन तटबंध टूट गए हैं और दो अन्य क्षतिग्रस्त या प्रभावित हुए हैं, इसके अलावा सड़क, पुल, मकान, बिजली के खंभे आदि अन्य बुनियादी अवसंरचना को भी नुकसान पहुंचा है।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि सिलचर के वाशिंग पिट संख्या एक और दो में जलभराव के कारण दो रेलगाड़ियां दिन भर के लिए रद्द कर दी गईं, जबकि एक अन्य के समय को पुनर्निर्धारित किया गया।
माजुली और जोरहाट के बीच नौका सेवाएं दूसरे दिन भी स्थगित रहीं।
ब्रह्मपुत्र नदी नेमाटीघाट और तेजपुर में और बराक छोटा बेकरा, फुलेरताल, एपी घाट और बीपी घाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही।
सुबनसिरी (बदातीघाट), बुरहीदिहिंग (खोवांग), धनसिरी (नुमालीगढ़), कोपिली (कामपुर और धरमतुल), रुकनी (धोलाई), धलेश्वरी (घरमुरा), कटाखल (माटीज़ुरी) और कुशियारा (श्रीभूमि) नदियां भी उफान पर हैं।
इस बीच, शर्मा ने लखीमपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों, खासकर उन जगहों का दौरा किया जो अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी हिस्से में रंगनदी बांध से छोड़े गए पानी से जलमग्न हो गए हैं।
स्थानीय लोगों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शर्मा ने कहा कि अमतोला क्षेत्र में पचनोई नदी का तटबंध टूट गया है, जिससे कई गांवों को भारी नुकसान पहुंचा है।
भाषा यासिर