एमवीए घटक दल निकाय चुनाव साथ लड़ने पर विचार करेंगे: शरद पवार
जोहेब नरेश
- 20 Jun 2025, 01:28 PM
- Updated: 01:28 PM
पुणे, 20 जून (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) में शामिल दल महाराष्ट्र में आगामी नगर निगम चुनाव एक साथ लड़ने पर विचार करेंगे।
उन्होंने इस बात पर आश्चर्य भी जताया कि बारामती में उपमुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख अजित पवार की अध्यक्षता वाला पुणे जिला केंद्रीय सहकारी (पीडीसीसी) बैंक, शहर में 22 जून को होने वाले मालेगांव सहकारी चीनी मिल के चुनाव से पहले बुधवार को मध्यरात्रि तक खुला पाया गया।
पवार ने बारामती में संवाददाताओं से कहा कि चूंकि उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया है कि राज्य में नगर निगम चुनाव कराए जाएं, इसलिए प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
उन्होंने कहा, “हालांकि हमने अब तक कांग्रेस के साथ चर्चा नहीं की है, लेकिन हमारी पार्टी, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा), शेतकरी कामगार पक्ष और अन्य दल एक साथ आएंगे और एक साथ चुनाव लड़ने की संभावना तलाशेंगे। इसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। हम एक साथ चुनाव लड़ना चाहते हैं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या एमवीए मुंबई में निकाय चुनाव संयुक्त रूप से लड़ेगा, तो उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, “हमारे सहयोगी दल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) का मुंबई में मजबूत आधार है, और उनकी राय पर विचार किया जाएगा।”
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को कुछ वर्ष पहले प्रशासक के शासन के अधीन कर दिया गया था। इससे पहले दो दशक तक बीएमसी पर बाल ठाकरे द्वारा स्थापित अविभाजित शिवसेना का शासन था।
पिछले साल के विधानसभा चुनावों में एमवीए राज्य की 288 सीटों में से केवल 46 सीटें जीत सका था, ऐसे में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में भी काफी प्रतिस्पर्धा होने की उम्मीद है।
मालेगांव सहकारी चीनी मिल के चुनाव से पहले बुधवार को बारामती में पीडीसीसी बैंक के आधी रात तक खुले रहने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान भी बैंक देर रात तक खुला पाया गया था।
उन्होंने कहा, "यह दूसरी बार हो रहा है। बैंक तब तक खुला नहीं रह सकता जब तक कि इसे नियंत्रित करने वालों से निर्देश न हों।"
चीनी मिल के 21 सदस्यीय निदेशक मंडल के लिए मैदान में उतरे 90 उम्मीदवारों में अजित पवार भी शामिल हैं। राकांपा (एसपी) भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही है।
महाराष्ट्र में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य बनाने के सवाल पर पवार ने कहा कि इसे अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “इसे वैकल्पिक ही रहना चाहिए। जो लोग हिंदी चुनना चाहते हैं, वे इसे चुन सकते हैं। सिर्फ इसलिए कि 50 से 60 प्रतिशत आबादी हिंदी बोलती है, इस भाषा को सभी के लिए अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता।”
भाषा जोहेब