उत्तीर्ण एनडीए उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने पर एम्स का मेडिकल बोर्ड अपनी राय दे:दिल्ली उच्च न्यायालय
राजकुमार रंजन
- 21 Jun 2025, 05:18 PM
- Updated: 05:18 PM
नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके एक अभ्यर्थी को रक्त विकार के कारण चिकित्सीय रूप से अयोग्य घोषित कर दिये जाने पर उसकी अर्हता के बारे में विशेषज्ञ राय प्रदान के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को एक मेडिकल बोर्ड नियुक्त करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें याचिकाकर्ता श्लोक सचिन को दो जुलाई से शुरू हो रहे सत्र के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में प्रवेश देने के लिए केंद्र, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और अन्य को निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में वायुसेना केंद्रीय चिकित्सा प्रतिष्ठान द्वारा उसके ‘कमांडिंग ऑफिसर’ के माध्यम से 18 मार्च और 22 मई को जारी किये गये पत्रों को चुनौती दी गई है। इन पत्रों में सचिन को भारतीय वायुसेना और सेना के तीनों अंगों में भर्ती के लिए अयोग्य घोषित किया गया है।
पीठ ने 18 जून को अपने आदेश में कहा, ‘‘ याचिकाकर्ता का मामला यह है कि उसे भारतीय वायु सेना में भर्ती के लिए चुना गया था। लेकिन जब मेडिकल बोर्ड द्वारा मेडिकल परीक्षण किया गया, तो वह इस आधार पर अयोग्य पाया गया कि उसे हीमोग्लोबिनोपैथी (एचबीई लक्षण) है।’’
एचबीई विशेषता एक आनुवंशिक स्थिति है, जहां एक व्यक्ति में सामान्य हीमोग्लोबिन (एचबीए) के लिए एक जीन और एचबीई नामक असामान्य हीमोग्लोबिन के लिए एक अन्य जीन होता है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि वैसे सचिन ने परीक्षा में 226वीं रैंक हासिल की, लेकिन उसे चिकित्सकीय रूप से अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसके बाद उसने 18 मार्च के बोर्ड के फैसले के खिलाफ अपील की, लेकिन अपील बोर्ड ने भी 22 मई को उसकी अपील खारिज कर दी।
उसने कहा , ‘‘मौजूदा याचिका में जो सवाल उठता है वह यह कि क्या याचिकाकर्ता की स्थिति यानी एचबीई लक्षण पात्रता खंड (उम्मीदवारों के चिकित्सा मानकों के संबंध में) से प्रभावित होगी या नहीं।’’
उच्च न्यायालय ने केंद्र, यूपीएससी, वायुसेना केंद्रीय चिकित्सा प्रतिष्ठान और अन्य को नोटिस जारी कर 25 जुलाई की अगली सुनवाई पर याचिकाकर्ता को अयोग्य घोषित करने के कारणों को बताने को कहा।
खंडपीठ ने कहा कि अपील बोर्ड के फैसले में सचिन की अपील को खारिज करने के लिए "कोई स्पष्ट कारण" नहीं दिया गया है।
उच्च न्यायालय ने कहा,‘‘इस स्थिति पर विचार करते हुए नयी दिल्ली का एम्स एक मेडिकल बोर्ड नियुक्त करे, जो अयोग्यता खंड पर विचार करते हुए याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी पर इस अदालत को एक विशेषज्ञ राय दे। उक्त मेडिकल बोर्ड भी सुनवाई की अगली तारीख तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।’’
भाषा राजकुमार