उप्र: मौलाना ने इस्लाम में सूर्य नमस्कार को हराम बताया, मंत्री ने कहा- छोटी मानसिकता वाली बात
सं आनन्द अमित
- 21 Jun 2025, 05:25 PM
- Updated: 05:25 PM
बरेली/संभल (उप्र) 21 जून (भाषा) ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शनिवार को कहा कि सूर्य नमस्कार एक तरह से सनातन धर्म, यानी हिंदुओं का तरीका है, जो इस्लाम के हिसाब से हराम है।
वहीं उत्तर प्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने रजवी पर पलटवार करते हुए कहा कि इससे अधिक छोटी मानसिकता वाली कोई बात नहीं हो सकती।
इस बीच संभल से मिली खबर के मुताबिक योग दिवस पर संभल के विभिन्न मदरसों में भी योग किया गया, जिसमें मुस्लिम छात्रों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। योग में शामिल एक अतिथि ने कहा कि इस्लाम में योग से कोई परहेज नहीं है।
शनिवार सुबह दरगाह आला हजरत में स्थित ग्रांड मुफ्त हाउस में योग करने के बाद रजवी ने कहा, ''मैंने योग का समर्थन किया है, लेकिन सूर्य नमस्कार का विरोध किया है। सूर्य नमस्कार मुसलमान नहीं कर सकता।''
मौलाना ने कहा, ''हर औरत और आदमी को योग करना चाहिए। मदरसों और मस्जिदों में भी योगा होना चाहिए। मगर सूर्य नमस्कार, सूरज को देखकर सूरज को पूजना है। इस्लाम में इन तमाम चीजों की मनाही है। इस्लाम में सूरज को पूजना नाजायज है। इसलिए हमने सभी को सूर्य नमस्कार करने से मना किया है।''
रजवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जब मदरसों में योग दिवस मनाने का आदेश दिया तो कुछ मदरसों ने योग दिवस मनाया और ज्यादातर मदरसों ने ये कहकर विरोध किया कि योग सनातन धर्म की पहचान है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर शानदार तरीके से योग दिवस मनाएं।
इस बीच, राज्य के मंत्री राठौर ने बरेली कॉलेज बरेली के मैदान में योग करने के बाद रजवी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘जैसे हमारा सूर्य सत्य है, वैसे ही सूर्य नमस्कार भी सत्य है।’’
मुस्लिम धर्म गुरुओं के सूर्य नमस्कार का विरोध करने पर उत्तर प्रदेश सरकार के होमगार्ड राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि सूर्य नमस्कार एक प्राणायाम है, नमाज पढ़ी जाती है और उसमें भी प्राणायाम आता है और सूर्य को महत्व देना चाहिए।
शनिवार को संभल जिले के चंदौसी के मझावली में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शामिल हुए मंत्री प्रजापति ने मुस्लिम धर्म गुरुओं द्वारा सूर्य नमस्कार का विरोध करने पर उन्हें नसीहत दी। उन्होंने कहा कि प्राणायाम करना, योग करना हमारे जीवन की प्रक्रिया का एक हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि इससे तन और मन दोनों ही स्वस्थ रहते हैं।
उधर, योग दिवस पर संभल के विभिन्न मदरसों में भी योग किया गया, जिसमें मुस्लिम छात्रों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। योग में शामिल लोगों ने कहा कि इस्लाम में योग से कोई परहेज नहीं है।
संभल के मदरसा हमीदिया अशरफिया तिवारी सराय सहित कई मदरसों में क्षेत्र में योग का आयोजन हुआ है। मदरसा ज़ियाउल उलूम सरायतरीन, मदरसा सिराजुल उलूम हिलाली सराय और मदरसा हमीदिया अशरफिया तिवारी सराय में मुस्लिम छात्रों ने योग किया।
मदरसा हमीदिया अशरफिया में योग दिवस पर मुस्लिम छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने योगासन किया। योग कार्यकम में मुख्य अतिथि रहे इमामे ईदगाह मोलाना जहिरूल इस्लाम ने कहा कि ''योग को उर्दू में वर्ज़िश कहते हैं और इस्लाम में योग से कोई परहेज नही है।''
मदरसा ज़ियाउल उलूम सरायतरीन सम्भल में मदरसा छात्र-छात्राओं ने ग्यारहवेँ अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर सामूहिक योगाभ्यास किया, जिनमें मुख्यत: पद्मासन, वज्रासन, सुप्त वज्रासन, काकासन, कुक्कुटासन, कुर्मासन, आकर्ण धनुरासन, पश्चिमोत्तानासन, पूर्वोत्तानासन शामिल थे।
भाषा सं आनन्द