कर्नाटक के मंत्री ने अवैध खनन मामलों पर उदासीनता को लेकर लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
राजकुमार रंजन
- 21 Jun 2025, 08:00 PM
- Updated: 08:00 PM
बेंगलुरु/रायचूर, 21 जून (भाषा) कर्नाटक के कानून मंत्री एच के पाटिल ने शनिवार को कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को एक पत्र लिखकर राज्य में अवैध खनन मामलों (की जांच) को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने में प्रशासन की उदासीनता पर चिंता व्यक्त की है।
पाटिल ने कहा कि वह यह भी चाहते हैं कि दोषियों को दंडित किया जाए तथा नुकसान की भरपाई की जाये।
संसदीय मामलों के प्रभारी पाटिल ने 18 जून को सात पन्नों का एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि 2007 और 2011 के बीच कथित रूप से हुए अवैध खनन से सरकार को अनुमानतः 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ लेकिन उससे संबंधित केवल 7.6 प्रतिशत मामलों की ही अब तक जांच की गई है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि इतने बड़े पैमाने पर लूट के बावजूद सरकार ने उचित दंड सुनिश्चित करने और राज्य की संपत्ति की वसूली के लिए अपने प्रयासों में ईमानदारी और प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है।
उन्होंने सिद्धरमैया को यह भी याद दिलाया कि 2010 में जब कांग्रेस विपक्ष में थी, तब उन्होंने अवैध खनन घोटाले के खिलाफ बेल्लारी तक 320 किलोमीटर की पैदल यात्रा का नेतृत्व किया था।
पाटिल ने सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली पहली कांग्रेस सरकार (2013-18) के दौरान मंत्रिमंडलीय उप-समिति का नेतृत्व किया था, जिसने अवैध खनन से हुए नुकसान का अनुमान लगाया था।
रायचूर में, पत्र के संबंध में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पाटिल ने कहा, ‘‘...मैंने इसे मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया है कि क्या किया जाना चाहिए, जिससे राज्य की सेवा हो और सरकार को सुयश मिले, इसलिए पत्र लिखा गया है। यह एक राजनीतिक पत्र नहीं है। यह राज्य और उसके लोगों के हित में लिखा गया है। मुख्यमंत्री ने पत्र देखा है और मामले को गंभीरता से लिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अवैध खनन के 12,000 से अधिक 12,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जिनमें से केवल सात प्रतिशत की ही जांच की गई है। इन सात प्रतिशत में से केवल दो प्रतिशत में, यानी कुल मामलों में से केवल 0.2 प्रतिशत में ही फैसले आए हैं और मामलों का निष्कर्ष निकला है।"
पाटिल ने कहा कि इन सभी लंबित मामलों का तार्किक परिणति तक पहुंचाया जाना जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अवैध खनन के कारण सरकार को 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और इस संबंध में गंभीर कदम उठाए जाने के इरादे से उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है।
भाषा राजकुमार