उप्र: सपा सांसद के घर पर हमले के मामले में ओएस राणा की गिरफ्तारी पर रोक
राजेंद्र जितेंद्र
- 21 Jun 2025, 10:21 PM
- Updated: 10:21 PM
प्रयागराज, 21 जून (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित मकान पर 26 मार्च को करणी सेना के कथित हमले के मामले में दर्ज दो प्राथमिकियों के संबंध में आरोपी ओकेंद्र सिंह राणा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
राजा राणा सांगा के संबंध में कथित आपत्तिजनक बयान के बाद राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के घर पर तोड़फोड़ की गई थी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति हरवीर सिंह की खंडपीठ ने इस मामले में छह सप्ताह के बाद सुनवाई का निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि अंतरिम आदेश, याचिकाकर्ता द्वारा जांच में सहयोग करने पर ही लागू होगा।
अदालत ने 19 जून को दिए अपने निर्णय में यह भी स्पष्ट किया कि अगर याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच के दौरान कुछ विश्वसनीय तथ्य अदालत के संज्ञान में लाए जाते हैं तो जांच अधिकारी कारण दर्ज कराने के बाद उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करते हुए याचिकाकर्ता को गिरफ्तार कर सकता है।
अदालत ने शिकायतकर्ता और रामजी लाल सुमन के बेटे रणधीर सुमन को नोटिस जारी किया।
रणधीर सुमन ने हमले के बाद 27 मार्च, 2025 को करणी सेना के सदस्यों के खिलाफ आगरा के हरिपर्वत थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
सुमन की सुरक्षा में तैनात एक उपनिरीक्षक ने इसी मामले में करणी सेना के सदस्यों के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी एक जून को हरिपर्वत थाने में दर्ज कराई थी।
याचिकाकर्ता ने इन दोनों प्राथमिकियों को चुनौती दी थी और दोनों ही मामलों में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि प्राथमिकी में उनके मुवक्किल को नामजद नहीं किया गया बल्कि जांच के दौरान उन्हें पुलिस द्वारा इस मामले में झूठा फंसाया गया है।
रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को संसद में एक बयान में कहा था कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए मुगल सम्राट बाबर को भारत बुलाया था।
उन्होंने कहा था कि अगर भारतीय मुस्लिमों को बाबर का वंसश बताया जाता है तो इसी तर्क पर अन्य समुदायों को राणा सांगा जैसे ‘गद्दार’ के वसंश के रूप में देखा जा सकता है।
अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा और करणी सेना सहित राजपूत संगठनों ने राजपूत विरासत पर सवाल खड़े करने वाले इस बयान को लेकर तुरंत कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इसके बाद, करणी सेना के सदस्यों ने 26 मार्च को आगरा में रामजी लाल सुमन के घर पर तोड़फोड़ की।
भाषा राजेंद्र