इजराइल-ईरान के बीच युद्ध में कूदा अमेरिका, तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए
एपी सुरभि प्रशांत
- 22 Jun 2025, 04:34 PM
- Updated: 04:34 PM
तेल अवीव, 22 जून (एपी) इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों को मजबूती प्रदान करते हुए अमेरिका ने रविवार तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए।
ईरान की जवाबी कार्रवाई की धमकी के बीच लंबे समय से दुश्मन रहे ईरान को कमजोर करने के लिहाज से यह एक जोखिम भरा कदम माना जा रहा है, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष छिड़ने की आशंका है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान के प्रमुख परमाणु केंद्रों को ‘‘पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है’’।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि कूटनीति का दौर बीत गया और उनके देश को आत्मरक्षा का अधिकार है।
उन्होंने तुर्किये में एक सम्मेलन में प्रेस वार्ता के दौरान कहा, ‘‘अमेरिका में युद्धोन्मादी, अराजक प्रशासन इस आक्रामक कृत्य के खतरनाक और दूरगामी प्रभावों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।’’
हमलों के बाद से किसी उच्च पदस्थ ईरानी अधिकारी द्वारा की गई यह पहली टिप्पणी। अरागची ने यह भी कहा कि अमेरिका ने सारी हदें पार कर दी हैं और कल रात जो हुआ वह सबसे खतरनाक था। कल रात को उन्होंने परमाणु केंद्रों पर हमला करके सारी हदें पार कर दीं।
उन्होंने कहा कि रविवार को बाद में वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए मॉस्को जाएंगे क्योंकि अमेरिका इजराइल के साथ क्षेत्रीय युद्ध में कूद गया है।
ईरान की परमाणु एजेंसी ने रविवार को पुष्टि की कि उसके फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु केन्द्रों पर हमले हुए हैं। संगठन ने अपने बयान में कहा कि ईरान का परमाणु ऊर्जा संगठन राष्ट्र को आश्वासन देता है कि अपने दुश्मनों की बुरी साजिशों के बावजूद वह अपने हजारों क्रांतिकारी और प्रतिबद्ध वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों के प्रयासों से उठ खड़ा होगा।
ईरान और संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने कहा कि हमलों के बाद विकिरण के कोई संकेत नहीं है।
‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) ने अमेरिकी हमले के बाद ली गई उपग्रह तस्वीरों का विश्लेषण किया है। इन तस्वीरों में फोर्दो परमाणु केंद्र के प्रवेश द्वारों को नुकसान पहुंचा नजर आ रहा है और हवा में हल्के भूरे रंग का धुआं छाया हुआ नजर आ रहा है।
‘प्लैनेट लैब्स पीबीसी’ की तस्वीरों में पर्वतीय क्षेत्र को भी नुकसान पहुंचा दिख रहा है।
हमले के बाद क्षति का कोई स्वतंत्र आकलन नहीं किया गया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या अमेरिका अपने सहयोगी इजराइल के साथ ईरान पर हमला जारी रखेगा। इजराइल ने पिछले नौ दिन से ईरान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है।
ट्रंप ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की अनुमति के बिना यह कार्रवाई की तथा उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने अमेरिकी सेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की तो और अधिक हमले किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी।’’
ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ने ‘ईरान के खिलाफ खतरनाक युद्ध शुरू किया है’।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि ईरान ‘‘अमेरिकी सैन्य आक्रमण और शासन द्वारा किए गए अपराधों के खिलाफ पूरी ताकत से विरोध करने तथा ईरान की सुरक्षा एवं राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का अधिकार रखता है।’’
अमेरिकी हमलों के कुछ देर बाद ईरान के अर्द्धसैनिक ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ ने कहा कि उसने इजराइल पर 40 मिसाइल दागी, जिसमें उसका ‘खोर्रमशहर-4’ मिसाइल भी शामिल है।
इजराइल के अधिकारियों ने बताया कि 80 से अधिक लोग घायल हुए हैं और अधिकतर को मामूली चोटें आई हैं। हालांकि तेल अवीव में एक बहुमंजिला इमारत को काफी नुकसान पहुंचा है।
ईरान की बमबारी के बाद इजराइल की सेना ने कहा कि उसने ईरानी मिसाइल लांचरों को ‘‘तेजी से बेअसर’’ कर दिया और पश्चिमी ईरान में सैन्य लक्ष्यों की ओर कई हमले करने शुरू कर दिए।
ईरान यह कहता रहा है कि उसके परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हैं, साथ ही अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि ईरान सक्रिय रूप से बम निर्माण नहीं कर रहा है। हालांकि ट्रंप और इजराइल के नेताओं ने दावा किया कि ईरान जल्द परमाणु हथियार तैयार कर सकता है, जिससे वह एक आसन्न खतरा बन जाएगा।
अमेरिका और इजराइल के अधिकारियों ने कहा है कि ‘अमेरिकन स्टील्थ बॉम्बर’ और 30,000 पाउंड वजनी ‘बंकर-बस्टर बम’ ने जमीन के अंदर गहरे में स्थापित ईरानी परमाणु केंद्रों को नष्ट कर दिया। ‘बंकर-बस्टिंग बम’ को ‘जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर’ के रूप में जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल जमीन के भीतर लक्ष्य को भेदने और विस्फोट में किया जाता है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों की घोषणा की। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने अपनी खबर में देश के फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु केंद्रों को निशाना बनाकर किए गए हमलों की पुष्टि की।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, ‘‘हमने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों फोर्दो, इस्फहान और नतांज पर सफलतापूर्वक हमला किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमले को अंजाम देने के बाद सभी विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर आ गए हैं।’’
ट्रंप ने बाद में पोस्ट में लिखा, ‘‘यह अमेरिका, इजराइल और दुनिया के लिए ऐतिहासिक क्षण है। ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। धन्यवाद!’’
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर हमले करने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के लिए उनकी सराहना की है।
नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में ट्रंप से कहा, ‘‘ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का आपका साहसिक निर्णय इतिहास बदल देगा...।’’
इजराइल ने करीब एक सप्ताह से अधिक समय से ईरान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है और उसकी हवाई रक्षा एवं मिसाइल क्षमताओं को व्यवस्थित रूप से नष्ट करने के साथ परमाणु संवर्धन इकाइयों को नुकसान पहुंचा रहा है, जिसके बाद अमेरिका को सीधे तौर पर इसमें शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख ने कहा है कि वह इस संबंध में सोमवार को बैठक करेंगे।
इजराइल पर ईरान के मिसाइल हमलों में देश के उत्तरी और मध्य क्षेत्र के इलाके प्रभावित हुए हैं। इन हमलों में इजराइल में कम से कम 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने अमेरिकी हमलों को लेकर सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाने का आह्वान किया।
एपी को मिले एक पत्र में राजदूत आमिर सईद ईरावानी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली निकाय को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अमेरिका को जवाबदेह ठहराने के लिए ‘‘सभी आवश्यक उपाय’’ करने चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के बम हमलों से बेहद चिंतित हैं।
गुतारेस ने एक बयान में कहा, ‘‘इस बात का जोखिम है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है जिसके नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘इस जोखिम भरे वक्त में यह अहम है कि हम अराजकता के चक्र से बचें।’’ संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने मुद्दे के कूटनीतिक समाधान का आह्वान किया।
ट्रंप ने शुक्रवार को संवददाताओं से कहा था कि वह ईरान में सैनिकों को भेजने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने पहले संकेत दिया था कि वह दो सप्ताह में अंतिम निर्णय लेंगे।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को अमेरिका को चेतावनी दी थी कि ईरान को निशाना बनाकर किए गए हमलों का ‘‘अंजाम ठीक नहीं होगा और उसे भारी नुकसान उठाना होगा’’।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बागेई ने कहा कि ‘‘अमेरिका का कोई भी दखल क्षेत्र के लिए घातक होगा’’।
इजराइल की सेना ने शनिवार को कहा था कि वह युद्ध के लंबे समय तक चलने की संभावना के मद्देनजर तैयारियों में जुटी है जबकि ईरान के विदेश मंत्री ने अमेरिकी हमलों से पहले चेतावनी दी थी कि ‘‘अमेरिकी सेना की संलिप्तता हर किसी के लिए बहुत खतरनाक साबित होगी’’।
एपी सुरभि