अमेरिका का ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले की ‘सीमित मंशा’ : हेगसेथ
एपी धीरज प्रशांत
- 22 Jun 2025, 07:40 PM
- Updated: 07:40 PM
तेल अवीव, 22 जून (एपी) अमेरिका के रक्षामंत्री पीट हेगसेथ ने रविवार को कहा कि ईरान-इजराइल युद्ध में अमेरिकी हस्तक्षेप सीमित है।
अमेरिका के रक्षा प्रमुख ने दोहराया कि ईरान में अमेरिका द्वारा दीर्घकालिक युद्ध छेड़ने की मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कि शनिवार और रविवार की दरमियानी रात किये हमलों को ‘‘इरादतन सीमित’’ रखा गया था।
हेगसेथ ने कहा, ‘‘मैं बस इतना कहूंगा, जैसा कि राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है और स्पष्ट कर दिया है, यह निश्चित रूप से सीमित हस्तक्षेप का मामला है।’’
उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि इसका अभिप्राय यह नहीं है कि अमेरिका की प्रतिक्रिया देने की सीमित क्षमता है और यदि आवश्यक हुआ तो वह ऐसा करेगा।
हेगसेथ ने कहा, ‘‘दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना अपने लोगों की रक्षा के लिए तैयार है।’’
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने मानचित्र भी उपलब्ध कराया जिस रास्ते से होकर बी2 बमवर्षक विमानों ने ईरान पर कार्रवाई की।
पेंटागन द्वारा उपलब्ध कराए गए बी-2 स्टेल्थ बमवर्षकों के उड़ान मार्ग के मानचित्र के मुताबिक ये भूमध्य सागर से होकर इजराइल, जॉर्डन और इराक के वायुक्षेत्र होते हुए ईरान के ठिकानों तक पहुंचे।
यह अब स्पष्ट नहीं है कि इन तीनों देशों को इन लड़ाकू विमानों के गुजरने की जानकारी कब हुई। इजराइल ने कहा है कि अमेरिकी हमले उसकी सेना के साथ समन्वय में किए गए। अमेरिका ने कहा कि इन हमलों में इजराइली लड़ाकू विमान शामिल नहीं थे।
पेंटागन ने मानचित्र जारी कर संवाददाताओं को मिशन की जानकारी दी। अमेरिका ने दावा किया कि उसकी कार्रवाई में ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों को ‘अत्यंत गंभीर नुकसान पहुंचा’’ है।
अमेरिक और ईरान के अधिकारियों के मुताबिक दोनों देश के बीच संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा है।
ईरान के शीर्ष राजनयिक ने खुलासा किया कि वाशिंगटन और तेहरान के बीच संवाद के रास्ते खुले हैं। इसके घंटों के बाद अमेरिकी रक्षामंत्री हेगसेथ ने भी संवाददाता सम्मेलन में इसे दोहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल यह पुष्टि कर सकता हूं कि सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के संदेश ईरानियों तक कई माध्यमों से सीधे पहुंचाए जा रहे हैं, जिससे उन्हें बातचीत के लिए हर अवसर मिल रहा है।’’
पेंटागन ने जोर देकर कहा कि ईरान पर हमले का लक्ष्य ‘‘सत्ता परिवर्तन’’ नहीं है। ट्रंप प्रशासन ने कहा कि तीन ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला देश की सरकार को गिराने के लिए नहीं था।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह मिशन सत्ता परिवर्तन के बारे में नहीं था और न ही रहा है।’’
इस बीच, एहतियातन अमेरिकी सेना ने पश्चिम एशिया में अपने सैनिकों के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ा दिये हैं। अमेरिका और क्षेत्र के देश अमेरिकी हमलों पर ईरान की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
हेगसेथ ने कहा कि सैन्य जनरलों ने पूरे क्षेत्र में, विशेष रूप से इराक, सीरिया और फारस की खाड़ी में बल सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी सेनाएं पूरी तरह सतर्क हैं और ईरान की किसी भी जवाबी कार्रवाई या छद्म हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, जोकि एक बहुत ही खराब विकल्प होगा।’’
अमेरिकी सेना की देखरेख में पश्चिम एशिया स्थित एक समुद्री केंद्र ने रविवार को चेतावनी दी कि अमेरिका से जुड़े जहाजों को सबसे अधिक खतरा है।
अमेरिकी नौसेना की निगरानी में कार्यरत संयुक्त समुद्री सूचना केंद्र ने पोत संचालकों को परामर्श जारी करते हुए कहा, “लाल सागर और अदन की खाड़ी में अमेरिका से संबद्ध वाणिज्यिक नौवहन के लिए खतरा वर्तमान में बहुत अधिक बढ़ गया।”
ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन, वायु सेना जनरल डैन केन ने कहा कि ‘‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’’ का लक्ष्य फोर्दो, नतांज और इस्फहान में परमाणु स्थलों को नष्ट करना था।
केन ने कहा, ‘‘अंतिम युद्ध क्षति में कुछ समय लगेगा, लेकिन प्रारंभिक युद्ध क्षति आकलन से पता चलता है कि सभी तीन स्थलों को अत्यंत गंभीर नुकसान हुआ है।’’
हेगसेथ ने बताया कि ईरान के दो सबसे शक्तिशाली परमाणु स्थलों पर 14 बंकर-बस्टर बम गिराए। उन्होंने कहा कि ईरान की सुरक्षा प्रणाली को चकमा देने के लिए छद्म रणनीति का इस्तेमाल किया गया जिससे उसकी हवाई मिसाइल प्रणालियों की नजर में आए बिना कार्रवाई करने में मदद मिली।
एपी धीरज