डीएफएस ने हरियाणा भवन, एलबीएस अस्पताल और एक स्कूल को अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र देने से किया इनकार
यासिर दिलीप
- 24 Jun 2025, 09:01 PM
- Updated: 09:01 PM
नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, हरियाणा भवन और इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल के कथित तौर पर अग्नि सुरक्षा के प्रमुख मानदंडों का पालन नहीं करने के कारण दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) ने इन्हें अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र (एफएससी) देने से इनकार कर दिया। एक अधिकारी ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी।
डीएफएस ने आधिकारिक पत्र में बताया कि इन संस्थानों के निरीक्षण में कई कमियां पाई गईं, जो अग्नि सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, जिसके कारण अग्निशमन विभाग ने इन समस्याओं के समाधान तक अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया है।
डीएफएस ने एक पत्र में कहा कि 19 जून को अस्पताल परिसर के निरीक्षण में पाया गया कि 2024 में लिखे पत्र में बताई गई कमियों को अभी तक दूर नहीं किया गया है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘कमियों को देखते हुए, अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी करने का आवेदन अस्वीकार किया जाता है।’’
पत्र में बताया गया कि ‘फर्स्ट एड होस रील’ उपलब्ध है, लेकिन वह काम नहीं कर रही है, ऑटोमेटिक फायर डिटेक्शन और अलार्म प्रणाली काम नहीं कर रही है। पत्र में इसके अलावा कुछ अन्य कमियां भी उजागर की गई हैं।
इसके अलावा, डीएफएस ने 23 जून को लिखे पत्र में कॉपरनिकस मार्ग पर स्थित हरियाणा भवन के एफएससी नवीनीकरण से भी इनकार कर दिया। उसने 16 जून को निरीक्षण किया और हरियाणा भवन में कथित रूप से कई बड़ी कमियां पाई गईं।
दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 में स्थित इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल को भेजे गए एक अन्य पत्र के अनुसार, डीएफएस ने पिछले साल कार्यालय द्वारा बताई गई कमियों को दूर करने की दिशा में उठाए गए कदमों की जांच के लिए 14 जून को स्कूल का पुनः निरीक्षण किया।
पत्र में कहा गया है, ‘‘निरीक्षण के दौरान पाया गया कि छह मीटर चौड़ी आंतरिक सड़क इमारत के चारों ओर बंद थी, बेसमेंट में स्कूल की गतिविधियां चल रही थीं। बेसमेंट का उपयोग बीबीएल के अनुसार होना चाहिए, बेसमेंट में धुआं निकासी प्रणाली (स्मोक एग्जॉस्ट सिस्टम) काम नहीं कर रही थी, होज़ रील होज़ और हाइड्रेंट्स काम नहीं कर रहे थे, बेसमेंट में ऑटोमैटिक स्प्रिंकलर सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था, और ऑडिटोरियम में बैठने की व्यवस्था सिनेमा अधिनियम के अनुसार होनी चाहिए।’’
इस बीच, स्कूल की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी और डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग भी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
भाषा यासिर