आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड से बचें : एनएसए डोभाल ने चीन में एससीओ बैठक में कहा
प्रशांत सुरेश
- 24 Jun 2025, 09:40 PM
- Updated: 09:40 PM
बीजिंग, 24 जून (भाषा) राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड अपनाने से बचने का आह्वान किया और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों से सीमा पार आतंकवाद के अपराधियों, आयोजकों और वित्तपोषकों को जवाबदेह ठहराने का आग्रह किया।
इसे व्यापक रूप से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग के रूप में देखा जा रहा है।
डोभाल ने बीजिंग में एससीओ के सुरक्षा परिषद सचिवों की बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
एनएसए ने कहा कि भारत, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), अलकायदा, आईएसआईएस और इसके सहयोगी जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों से लगातार खतरे को लेकर “बेहद चिंतित” है।
डोभाल ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में “दोहरे मापदंड” को त्यागने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि सीमापार आतंकवाद सहित आतंकवाद का कोई भी कृत्य “मानवता के विरुद्ध अपराध” है।
एनएसए ने एससीओ सदस्यों से सीमापार आतंकवादी कृत्यों के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने तथा उन्हें न्याय के दायरे में लाने में मदद करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद नयी दिल्ली ने आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और आतंकवादियों को भारत में हमले करने से रोकने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
पहलगाम हमले में लश्कर के एक छद्म संगठन टीआरएफ ने 26 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी थी और कई अन्य को घायल कर दिया था।
भारत और चीन के अलावा एससीओ में पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
डोभाल ने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों तथा लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और उनके समर्थकों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने तथा “आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र” को नष्ट करने की वकालत की।
उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और आतंकवादियों को भारत में हमले करने से रोकने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
डोभाल ने कहा कि भारत की कार्रवाई “नपी-तुली और गैर-उकसावे वाली” थी।
एनएसए ने अल-कायदा और उसके सहयोगियों जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए “संयुक्त कार्रवाई की रूपरेखा” भी प्रस्तुत की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी बुधवार से शुरू हो रहे एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के क़िंगदाओ की यात्रा कर रहे हैं। सिंह आतंकवाद को रोकने के प्रयासों को बढ़ाने के लिए एससीओ पर दबाव डालेंगे।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, रक्षा मंत्री शंघाई सहयोग संगठन के सिद्धांतों और अधिदेश के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को उजागर करेंगे, अधिक अंतरराष्ट्रीय शांति कायम करने और सुरक्षा बहाली की दिशा में भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगे तथा क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद को खत्म करने के लिए संयुक्त और लगातार प्रयास करने का आह्वान करेंगे।
भाषा प्रशांत